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इस बार असम चुनाव में होगी बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर

bjp congगुवाहाटी। असम में आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। नॉर्थ-ईस्ट के इस राज्य में साल 2001 से ही कांग्रेस का शासन है। यहां 4 और 11 अप्रैल को दो चरणों में चुनाव होगा।

असम विधानसभा में 126 सीटें हैं और लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए कहा जा सकता है बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होगी। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 14 लोकसभा सीटों में से सात सीटें मिली थीं जबकि कांग्रेस को सिर्फ तीन।

वहीं, 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अकेले 78 सीटें जीती थीं जबकि बीजेपी को सिर्फ पांच सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। इसके बाद बीजेपी ने राज्य में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए स्थानीय पार्टियों जैसे असम गण परिषद (एजीपी) और बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ) से गठजोड़ किया। बीजेपी और ये दोनों पार्टियां राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों के आने का आरोप लगाती रही हैं। जैसे ही राज्य में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया, बीजेपी की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार सर्बानंद सोनोवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कड़ी मेहनत करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हमें असम के लोगों के आशीर्वाद की जरूरत है ताकि हम राज्य में एक सकारात्मक बदलाव ला सकें। सर्बानंद फिलहाल बीजेपी सरकार में खेलमंत्री हैं।

सोनोवाल असम में बीजेपी का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह कांग्रेस के तरुण गोगोई को टक्कर देंगे। वहीं, राहुल गांधी ने भी सिलचर और नागौन में जनसभा को सम्बोधित किया। दोनों जगहों में बांग्ला बोलने वाले मुस्लिम और हिंदू काफी संख्या में रहते हैं। राहुल गांधी ने अपने भाषणों में कहा कि अगर आप राज्य में शांति चाहते हैं तो कांग्रेस को वोट दें। वहीं तरुण गोगोई ने बराक घाटी के लिए 3,000 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया।

सभी की निगाहें इस बार गोगोई पर हैं क्योंकि वह मुस्लिमों पर अपना प्रभाव रखने वाले ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रैटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के साथ मिलकर सभी पार्टियों को मात देते रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस को डर है कि अगर इस बार दोनों पार्टियां अलग-अलग चुनाव लड़ती हैं तो मुस्लिम वोटों का बंटवारा हो जाएगा। इसे ध्यान में रखकर कांग्रेस अभी से एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को अपने पाले में लेने की कोशिश कर रही है।