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इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यक्रम में बोलेे पीएम मोदी, SMS से मिले मुकदमों की तारीख

इलाहाबाद। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने तकनीक के सहारे न्यायपालिका का काम तेज करने की बात कही. पीएम मोदी ने कहा ‘तकनीक के सहारे न्यायपालिका का काम तेज हो, मोबाइल से मुकदमों की तारीख के एसएमएस मिलें.’ इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे. कार्यक्रम के दौरान मंच पर चीफ जस्टिस जे.एस खेहर, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, यूपी के राज्यपाल राम नाईक और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद रहे. पीएम मोदी के संबोधन से पहले यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा ‘कानून का स्थान शासन-शासकों से ऊपर है, कानून व्यवस्था स्वतंत्र व निष्पक्ष न्यायपालिका पर निर्भर करती है’

कार्यक्रम की मुख्य बातें:-

  • तकनीक के सहारे न्यायपालिका का काम तेज हो, मोबाइल से मुकदमों की तारीख के एसएमएस मिलें- पीएम मोदी
  • तकनीक से जीवन आसान हो गया है और टेक्नोलॉजी से वकीलों का काम आसान हुआ है- पीएम मोदी
  • 2022 के लिए रोड़ मैप तय करे देश, सवा सौ करोड़  लोगों के साथ सवा सौ करोड़ कदम आगे बढ़ेगा भारत- मोदी
  • अब तक हम 1200 कानून खत्म कर चुके हैं- मोदी
  • 2022 के लिए सपना देखे देश, 2022 के लिए संकल्प तय करे देश- मोदी
  • कानून का लक्ष्य सिर्फ अमीरों का नहीं बल्कि देश के हर नागरिक का कल्याण करना है, कानून सबके लिए बराबर है- पीएम मोदी
  • चीफ जस्टिस के हर शब्द में पीड़ा महसूस हुई है और सरकार चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के संकल्प के साथ है-मोदी
  •  इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी, इलाहाबाद हाईकोर्ट भारत के न्याय विश्व का तीर्थ क्षेत्र है.
  • कानून का स्थान शासन-शासकों से ऊपर है,कानून व्यवस्था स्वतंत्र व निष्पक्ष न्यायपालिका पर निर्भर करती है- योगी
  • देश की राजनीति पर न्याय व्यवस्था का बहुत बड़ा असर होता है और समाज कानून से चलता है- योगी
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले मिसाल बने हैं, न्याय और विधि एक दूसरे के पूरक हैं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इतिहास में ऐतिहासिक फैसले दिए हैं- योगी
  • इलाहाबाद हाइकोर्ट के कार्यक्रम में बोले सीएम योगी, कानून से बड़ा कोई नहीं है. कानून सबसे ऊपर होता है.
  • इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150 साल पूरे होने पर कार्यक्रम में मंच एक साथ मौजूद हैं पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी, पीएम ने मंच पर दीप प्रज्जवलित किया.

 

इलाहाबाद हाईकोर्ट से जुड़ी खास बातें:
इलाहाबाद हाईकोर्ट एशिया का सबसे बड़ा और सबसे पुराना हाईकोर्ट है, इसकी स्थापना 17 मार्च 1866 में हुई थी, अपनी स्थापना के इसने 150 साल पूरे कर लिए हैं, हाईकोर्ट की एक बेंच लखनऊ में है जिसमे राजधानी लखनऊ समेत आठ ज़िलों से जुड़े मामलों की सुनवाई होती है.

सर वॉल्टर मॉर्गन इलाहाबाद हाईकोर्ट के पहले चीफ जस्टिस थे, स्थापना के वक्त यहां सिर्फ 6 जज ही थे, फिलहाल यहां जजों के 160 पद हैं, करीब 17 हजार से ज्यादा वकील हाईकोर्ट से जुड़े हुए हैं, देश का ये पहला हाईकोर्ट है जिसके पास अपना म्यूजियम और आर्काइव गैलरी है.

हाईकोर्ट की स्थापना पहले आगरा में की गयी थी, 3 साल तक सभी मुकदमों की सुनवाई आगरा में ही हुई जिसके बाद 1869 में इसे इलाहाबाद शिफ्ट कर दिया गया. मौजूद इमारत में हाईकोर्ट को 1916 में लाया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट में देश के कई बड़े और ऐतिहासिक फैसले दिए गए हैं.

इसी कोर्ट में प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी का निर्वाचन रद्द किया गया, 1998 में यूपी के मुख्यमंत्री जगदंबिका पाल को सीएम पद से हटाने का फैसला दिया, 2010 में राम मंदिर विवाद पर जमीन बंटवारे का ऐतिहासिक फैसला सुनाया.