लखनऊ। तीन तलाक के मुद्दे को लेकर आलोचना झेल रहे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पर चौतरफा हमले जारी हैं. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री आज़म खान के बाद अब उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड ने भी मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को कट्टरपंथी मुल्लाओं का संगठन बताते हुए कहा है कि कांग्रेस हुकूमत की देन है. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी ने इसे 1973 में जन्म दिया था. यह ऐसा संगठन है जो मुस्लिमों में कट्टरवाद को बढ़ावा दे रहा है. इसकी कार्य शैली और बयानों के कारण पूरे भारत में रहने वाले मुसलमानों को बेइज्जत होना पड़ रहा है.
उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिज़वी ने कहा है कि असल में कांग्रेस पार्टी और मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एक सिक्के के दो पहलू हैं. इंदिरा गाँधी की हुकूमत में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बनने के बाद राजीव गाँधी ने शाहबानो के मामले में महिलाओं के शोषण की अनदेखी करते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कट्टरपंथी मुल्लाओं के दबाव में कानून बनाकर इस बोर्ड के हौसले और बढ़ाए. उन्होंने कहा कि इसी वजह से मुसलमान आज भी परेशानियों से घिरा हुआ है.
ज्ञात हो तीन तलाक बिल पर समाजवादी पार्टी के फायर ब्रांड नेता आजम खां ने भी कहा है कि आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड की जिम्मेदारी थी कि इन मामलों को पहले से ही कर लेते. उन्होंने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड आज तक निकाह नामा भी तैयार नहीं कर सका है. कुरआन में तलाक की शर्तें और तरीका मौजूद है, पर्सनल ला बोर्ड तो उसी को ध्यान में रखकर अपनी तरफ से पहले बिल ड्राफ्ट कर सकता था.