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आसान नहीं था पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन को मारने का अभियान: हिलरी

hileriवॉशिंगटन। अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में डेमोक्रैटिक पार्टी की उम्मीदवार और पूर्व विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने दुनिया के टॉप आतंकवादी रहे ओसामा बिन लादेन को मारने के लिए चलाए गए अमेरिकी अभियान के बारे में कई अहम बातें बताई हैं। हिलरी का कहना है कि पाकिस्‍तान में अभियान चलाकर ओसामा को मारने का फैसला आसान नहीं था। अमेरिका ने 2011 में पाकिस्‍तान के ऐबटाबाद में ऑपरेशन चलाकर ओसामा को मार गिराया था।

अल-कायदा द्वारा 11 सितंबर 2001 को किए गए हमले की 15वीं बरसी से पहले हिलरी ने कहा, ‘पाकिस्तान में अभियान चलाकर बिन-लादेन को मारने का फैसला आसान नहीं था। मैं उस छोटे समूह का हिस्सा थी जो राष्ट्रपति बराक ओबामा को सलाह दे रहा था कि ओसामा को सजा देने की खातिर पाकिस्तान में घुसने का जोखिम लेने के लिए हमारी खुफिया जानकारी पर्याप्त है या नहीं। यह किसी भी तरह से एक आसान फैसला नहीं था। ये कभी नहीं था।’

अमेरिकी सैन्य अभियान से जुड़ी भीतरी जानकारी देते हुए हिलरी ने कहा, ‘इसलिए उस तरह के हालात को लेकर फैसले लेने के लिए कमरे (सिचुएशन रूम) में बातचीत का नेतृत्व करने वाले के पास रुख से तथ्य अलग करने की क्षमता होनी चाहिए, उसमें कड़े सवाल पूछने की क्षमता होनी चाहिए, सबसे मुश्किल सुरागों पर आगे बढ़ने की क्षमता होनी चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘अब आप जानते हैं कि क्या हुआ था। मैं सिचुएशन रूम में थी और घटनाक्रम पर मेरी नजर थी। वह शायद मेरी जिंदगी के सबसे तनावपूर्ण 30 मिनट थे क्योंकि मुझे याद है कि परिसर में उतरते समय एक हेलिकॉप्‍टर का पिछला हिस्सा दीवार से टकरा गया था और उसने काम करना बंद कर दिया था। खुशकिस्मती से हमारे पास आपात योजनाएं थीं, लेकिन सील (विशेष अमेरिकी कमांडो) को अंदर उतारने के लिए हमें दूसरा हेलिकॉप्‍टर चाहिए था क्योंकि वे अब उस हेलिकॉप्‍टर में उड़ नहीं सकते थे।’

हिलरी ने कहा, ‘मैं यह सब आपको इसलिए बता रही हूं क्योंकि मेरे लिए यह कहानी बिल्कुल स्पष्ट तरीके से हमारे मूल्यों को दर्शाती है। आपने डॉनल्‍ड ट्रंप को कहते हुए सुना है कि वह हमारे बलों को लोगों को प्रताड़ति करने का आदेश देंगे। आपने उन्हें यह कहते हुए सुना है कि वह हमारे बलों को आतंकियों के परिवार के लोगों को जान से मारने का आदेश देंगे। आपको पता होगा कि वह हमारे अपने कानूनों और साथ ही युद्ध कानूनों के खिलाफ गैरकानूनी कार्रवाई की वकालत कर रहे थे।’