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आर्मी चीफ को ‘सड़क का गुंडा’ बताने वाले संदीप दीक्षित हुए ‘ओवैसी जी’ के मुरीद

नई दिल्ली। सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस अटैक में शहीद जवानों की शहादत का सांप्रदायीकरण कर दिया था। इंडियन आर्मी ओवैसी के इस बयान पर उन्‍हें जमकर लताड़ चुकी है। लेकिन, कुछ नेता अब भी इस पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित भी इस सियासत में कूद पड़े हैं। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित को शहादत के सांप्रदायिकरण में कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा है। वो ना सिर्फ ओवैसी के बयान को लेकर उनका समर्थन कर रहे हैं बल्कि उनके प्रवक्‍ता बनकर ये भी बताने की कोशिश कर रहे हैं कि ‘ओवैसी जी’ के कहने का मतलब क्‍या था। संदीप दीक्षित कांग्रेस पार्टी के वही नेता हैं जिन्‍होंने पिछले साल आर्मी चीफ बिपिन रावत को सड़क का गुंडा करार दिया था। इसके बाद लोगों ने उनकी जमकर धज्जियां उड़ाई थीं। कांग्रेस पार्टी ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया था।

अब एक बार फिर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने विवाद को आगे बढ़ाने का काम किया है। दिल्‍ली की पूर्व मुख्‍यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश का मुस्लिम भी राष्ट्र के निर्माण में उतना ही योगदान देता है जितना कोई और। तंज कसने वाले अंदाज में उन्‍होंने कहा कि मुस्लिमों के कपड़े कहते हैं कि वो राष्ट्र विरोधी हैं। और वो राष्ट्र को प्यार नहीं करते, वो देशभक्त नहीं होते। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि ये बात पूरी तरह सांकेतिक है कि अगर आप भारतीय सेना में हैं तो आप राष्‍ट्रभक्‍त हैं। संदीप दीक्षित ने कहा कि शायद ओवैसी जी के कहने का यही मतलब था। वो यही कहना चाहते थे। यानी संदीप दीक्षित पूरी तरह ओवैसी के बयान के साथ खड़े नजर आए। दरसअल, अभी हाल ही में ओवैसी ने सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए हमले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

ओवैसी का कहना था कि सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए हमले में जो सात लोग शहीद हुए थे उसमें पांच कश्‍मीरी मुसलमान थे। इन मुसलमानों की शहादत से उन लोगों को सबक लेना चाहिए जो मुसलमानों की देशभक्ति को शक की निगाह से देखते हैं। हालांकि ओवैसी के इस बयान का जवाब सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू भी दे चुके हैं। उनका कहना है कि शहीदों की शहादत को कभी भी जाति और धर्म के आधार पर नहीं बांटा जा सकता है। उनका कहना है कि सेना कभी भी अपने जवानों की शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देती है। इस तरह की बातें वो लोग करते हैं जिन्‍हें भारतीय सेना के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उधर, ओवैसी के बयान पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद और फायर ब्रांड नेता विनय कटियार ने भी अपना पक्ष रखा। विनय कटियार ने भी ओवैसी एंड कंपनी को जमकर लताड़ लगाई।

विनय कटियार का कहना है कि बहुत सारे सैनिक शहीद हुए हैं। सेना में शहीदों की शहादत की गिनती हिंदू-मुस्लिम के तौर पर नहीं होनी चाहिए। सेना में जब भी किसी की भर्ती होती है तो उसका एक ही धर्म होता है एक ही मजहब होता है वो है हिंदुस्‍तान। सैनिकों का कर्तव्‍य देश और लोगों की रक्षा करना होता है। सेना में कुछ भी मजबबी नहीं होता है। विनय कटियार का कहना है कि जो सैनिक शहीद हुए हैं उन्‍होंने वीरता का काम किया। उनकी शहादत का सम्‍मान होना चाहिए। शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देना चाहिए। वहीं दूसरी ओर जम्‍मू-कश्‍मीर के उपमुख्‍यमंत्री निर्मल सिंह ने भी ओवैसी पर हमला करते हुए कहा कि वो देश को हिंदू और मुसलमानों में बांटने की राजनीति कर रहे हैं। शहादत तो दीन-धर्म से ऊपर की चीज की है। निर्मल सिंह ने कहा कि ओवैसी सरीखे लोग देश का सांप्रदायीकरण करना चाहते हैं। ओवैसी के साथ-साथ अब संदीप दीक्षित भी लोगों के निशाने पर आ गए हैं।

पहली बार सेना ने ओवैसी को लगाई ‘लताड़’, शहादत को बनाया था सांप्रदायिक

नई दिल्ली। भारतीय सेना ने पहली बार किसी नेता को जमकर लताड़ लगाई है। इस वक्‍त इंडियन आर्मी के निशाने पर AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी हैं। सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने ओवैसी को करारा जवाब दिया है। लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू का कहना है कि भारतीय सेना कभी भी शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देती है। उनका कहना है कि जो लोग भारतीय सेना को नहीं जानते हैं वो ही इस तरह का बयान देते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू का ये बयान AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान पर था जिसमें उन्‍होंने सुंजवान आर्मी कैंप में शहीद हुए जवानों की शहादत को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की थी। सुंजवान आर्मी कैंप में छह जवान समेत सात लोगों की मौत हुई थी। इस पर ओवैसी का कहना था कि मरने वालों में छह लोग कश्‍मीर के मुसलमान हैं। जिससे लोगों को सबक लेना चाहिए।

ओवैसी के इस बयान पर उनकी जमकर आलोचना हुई थी। इतना ही नहीं उन्‍हें ये भी नसीहत दी गई थी कि वो कम से कम सेना के जवानों को बख्‍श दें। भारतीय सेना में सांप्रदायिकता का जहर ना घोलें। ओवैसी ने क्‍या कुछ कहा था जरा ये भी जान लीजिए। ओवैसी ने सुंजवान आर्मी कैंप पर हुए आतंकी हमले और इसमें शहीद हुए जवानों का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले में जो सात लोग मारे गए हैं उसमें पांच कश्‍मीरी मुसलमान हैं। ओवैसी का कहना है कि अब इस पर कोई कुछ क्‍यों नहीं बोल रहा है। AIMIM के चीफ कहते हैं कि इस हमले और शहादत से उन लोगों को सबक लेना चाहिए जो मुसलमानों को पाकिस्‍तानी कहते हैं और मुसलमानों की वफादारी पर शक करते हैं। आज भी उन्‍हें पाकिस्‍तानी समझा जाता है। ओवैसी के इसी बयान पर सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने उन्‍हें करारा जवाब दिया।

दरअसल, देश की हिफाजत के लिए जान देने वाला सिपाही सिर्फ और सिर्फ हिंदुस्‍तानी होता है। उसकी कोई जात नहीं होती। उसकी पहचान सिर्फ भारतीय सेना के एक बहादुर सिपाही के तौर पर होती है। लेकिन, देश में सांप्रदायिक राजनीति करने वाले नेता शहीदों की शहादत को भी नहीं बख्‍शते। वो इस पर भी अपनी राजनैतिक रोटी सेंकने की कोशिश करते हैं। बहरहाल, लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू का ये बयान ओवैसी के मुंह पर करारा तमाचा है। जाहिर है उन्‍हें कमांडर के इस बयान से सबक जरुर लेना चाहिए और भविष्‍य में इस तरह की वाहियात बयानबाजी से बचना चाहिए। बहरहाल, बुधवार को मीडिया से मुखातिब हुए उत्‍तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने कई और महत्‍वपूर्ण बातें भी कहीं। उनका कहा है कि इस वक्‍त देश के दुश्‍मन हतोत्‍साहित हैं। जिसके चलते वो इस तरह की वारदातों को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं।

उनका कहना है कि जब देश के दुश्‍मन सीमा पर फेल हो जाते हैं तो ये लोग आर्मी कैंपों पर हमला करना शुरु कर देते हैं। इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने दो टूक शब्‍दों में कह दिया है जो भी देश के खिलाफ खड़ा होगा हमारी सेना उससे सख्‍ती से निपटेगी। चाहें वो किसी भी गुट का होगा। उनका कहना है कि हमारे लिए ये मायने नहीं रखता है कि कौन सा आतंकी लश्‍कर-ए-तैयबा का है और कौन सा आतंकी जैश-ए-मोहम्‍मद या हिजबुल मुजाहिद्दीन का। सेना की नजर में सभी ग्रुप के आतंकी सिर्फ आतंकी ही हैं, जिससे एक ही अंदाज में निपटा जाएगा। इस मौके पर उन्‍होंने शोपियां फायरिंग में मेजर आदित्‍य समेत सेना के दूसरे जवानों पर दर्ज एफआईआर पर भी अपना बयान दिया। उनका कहना है कि इस तरह की घटनाओं से जवानों का बनोबल गिर नहीं सकता। आर्मी हमेशा अपने जवानों के साथ मुस्‍तैदी से खड़ी रहेगी।