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आरएसएस संग बना ऐक्शन प्लान, नया अध्यक्ष जल्द

pd logलखनऊ। यूपी प्रभारी बनने के बाद संभवत: पहली बार है जब ओम माथुर लखनऊ आए और पार्टी ने उनका आधिकारिक कार्यक्रम तक जारी नहीं किया। बुधवार को माथुर लखनऊ आए और संघ के पदाधिकारियों के संग गोपनीय बैठक की। इसमें चुनाव से लेकर अध्यक्ष तक के तमाम मुद्दों पर आगे का ऐक्शन प्लान तय हुआ। जल्द ही नया अध्यक्ष घोषित हो सकता है।

संघ कार्यालय पर बुधवार को हुई बैठक में माथुर के साथ प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल और बीजेपी के कुछ और पदाधिकारी थे। संघ की ओर से क्षेत्र प्रचारक के साथ ही कुछ दूसरे गिने-चुने चेहरे शामिल हुए। सूत्रों की मानें तो इस दौरान अध्यक्ष पद को लेकर जारी उहापोह पर भी चर्चा हुई। असम चुनाव खत्म होने के बाद नवरात्र में यूपी बीजेपी का इंतजार खत्म हो सकता है। जो नाम चर्चा में हैं उनमें ही अध्यक्ष तय होना है। कोई चौंकाने वाला नाम आने की उम्मीद कम ही है। चुनाव को लेकर संघ के फीडबैक से भी यूपी प्रभारी रूबरू हुए।

समसरता और कार्यकर्ता
बैठक के दौरान बीजेपी और संघ दोनों की ही ओर से चलाए जा रहे समरसता कार्यक्रम और दलित एजेंडे पर भी बात हुई। तय हुआ कि समन्वय के जरिए इस कार्यक्रम को और गति दी जा सकती है। संघ जहां अपने सामाजिक कार्यक्रमों से दलितों को जोड़ने का प्रयास करेगा वहीं मोदी सरकार की योजनाओं के जरिए बीजेपी भी कनेक्ट बढ़ा सकती है। इसके लिए संघ की बनाई जमीन काम आएगी। लोकसभा चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के सवाल भी उभरे।

अगले महीने तक एक-तिहाई प्रत्याशी
बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो ऊपरी तौर पर भले ही बीजेपी संगठनात्मक तैयारियों में पिछड़ी दिख रही हो लेकिन जमीनी तौर पर काम शुरू हो गया है। जिलों से प्रत्याशियों के लिए संभावित नामों की सूची मंगाने का काम शुरू हो चुका है। अगले महीने तक 100 से 150 प्रत्याशियों के नाम घोषित करने की तैयारी है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी आधिकारिक तौर पर नाम जारी भी कर सकती है या फिर उम्मीदवारों को क्षेत्र तय कर सीधे लगने को भी कहा जा सकता है। दरअसल प्रत्याशियों के नाम बीजेपी ने जहां अपने स्तर से मंगाए थे वहीं संघ ने भी जिलों में अपने कार्यकर्ताओं के जरिए भी मूड और माहौल और संभावित नामों के लिए फीडबैक लिया है। बैठक के दौरान इन मुद्दों पर भी आगे बढ़ने पर चर्चा हुई।