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आमिर बोले-भारत बहुत सहिष्णु है लेकिन कुछ लोग फैला रहे घृणा, पीएम से रोक लगाने को कहा

aamir6नई दिल्ली। असहिष्णुता संबंधी टिप्पणी करने के कई दिनों बाद बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने शनिवार को कहा कि भारत बहुत सहिष्णु है किन्तु कुछ लोग हैं जो घृणा फैला रहे हैं तथा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की कि वह उन पर रोक लगाएं। अभिनेता का यह भी मानना है कि वह अभी तक देश के ब्रांड एम्बेसडर हैं, भले ही सरकार ने उनकी सेवाएं लेनी बंद कर दी हैं। उन्होंने कहा कि भारत उनकी माता है, कोई ब्रांड नहीं है।

एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आमिर ने रजत शर्मा के कार्यक्रम ‘आप की अदालत’ में कहा, ‘हमारा देश बहुत सहिष्णु है किन्तु कुछ लोग दुर्भावनाएं फैला रहे हैं जो इस विशाल देश को तोड़ने की बात करते हैं, ऐसे लोग हर धर्म में मौजूद हैं, केवल मोदीजी उन्हें रोक सकते हैं। आखिरकार मोदीजी हमारे प्रधानमंत्री हैं और हमें उनसे कहना चाहिए।’
आमिर ने कहा कि सुरक्षा की भावना न्याय व्यवस्था से आती है जिसे त्वरित न्याय सुनिश्चित करना चाहिए। साथ ही निर्वाचित प्रतिनिधियों से भी सुरक्षा की भावना मिलती है जिन्हें कुछ गलत होने पर अपनी आवाज उठाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘आखिरकार कानून सभी के लिए बराबर है तथा कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। दुर्भाग्यवश, कुछ लोग हैं जो नकारात्मकता एवं घृणा फैलाते हैं। यदि मैं गलत नहीं हूं तो हमारे प्रधानमंत्री ने भी चिंता जतायी है। उनका नारा है-सबका साथ, सबका विकास।’

आमिर उस समय सुखिर्यों में आ गये थे जब उन्होंने यह टिप्पणी की थी कि उनकी पत्नी असहिष्णुता के कारण भारत छोड़ने पर विचार कर रही है। उन्होंने वरिष्ठ अभिनेता अमिताभ बच्चन की इस टिप्पणी का भी जवाब दिया कि आमिर ने यह बयान देकर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है कि असहिष्णुता बढ़ने के कारण असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने साक्षात्कार में कहा था कि अवसाद की भावना, निराशा की भावना बढ़ रही है तथा असुरक्षा एवं असहिष्णुता की भावना भी बढ़ी है। किन्तु यह दोनों बिल्कुल अलग चीजें हैं।’ आमिर ने यह भी कहा कि उन्हें गलत रूप से उद्धृत किया गया। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी यह नहीं कहा कि भारत असहिष्णु है। मुझे गलत रूप से उद्धृत किया गया। बढ़ती असहिष्णुता कहना और भारत असहिष्णु है कहना दो बिल्कुल अलग चीजें हैं।’
सरकार द्वारा उन्हें हटाने के बावजूद भारत के ब्रांड एम्बेसडर के रूप में सेवा देते रहने का दावा करते हुए आमिर ने कहा, ‘यह कोई ब्रांड नहीं हो सकता। मैं अपनी मां को किसी ब्रांड के रूप में नहीं देख सकता। यह अन्य लोगों के लिए ब्रांड हो सकता है किन्तु मेरे लिए नहीं। आज की तारीख तक मैं भारत का ब्रांड एम्बेसडर हूं भले ही सरकार ने मुझे हटा दिया हो।’

उन्होंने कहा कि वह दस साल तक ‘अतुल्य भारत के अतिथि देवो भव अभियान’ के ब्रांड एम्बेसडर थे और उन्होंने देश के इस जन सेवा अभियान के लिए एक भी पाई नहीं ली तथा भविष्य में भी नहीं लेंगे। आमिर ने मीडिया एवं समाचार चैनलों से कहा कि वे टीवी पर हिंसा की खबरें प्रसारित न करें क्योंकि इससे भय का माहौल उत्पन्न होता है।
असुरक्षा के कारण भारत छोड़ने की उनकी पत्नी द्वारा जतायी गयी मंशा के बारे में आमिर ने कहा कि वह और उनकी पत्नी कहीं नहीं जा रहे। वे यहीं जन्में हैं और भारत में ही मरेंगे। किन्तु उन्होंने यह भी कहा, ‘आखिरकार किरण भी एक मां है तथा मां अपने बच्चों को लेकर सदैव चिंतित रहती है।’ उन्होंने कहा, ‘हम अक्सर आपस में बहुत सी बातें कहते हैं किन्तु वैसा मतलब नहीं होता। हम सौ प्रतिशत उसपर अमल नहीं करते। न ही वह हमारी मंशा होती है। किरण वास्तव में अपने भाव प्रकट कर रही थी। हम यहां जन्में हैं और यहीं मरेंगे। हम अपने देश को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं।’

उनकी फिल्म पीके में कथित रूप से हिन्दू धर्म को गलत ढंग से पेश करने की उनकी या उनके निर्देशक की मंशा के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए आमिर ने कहा, ‘यह केवल एक चरित्र था जो एक नाटक में शिव की भूमिका निभा रहा था जिसने विशिष्ट परिस्थिति में मजाक किया। आखिरकार भगवान शंकर सर्वशक्तिमान हैं, हम उनका मजाक बनाने की हिम्मत कैसे कर सकते हैं।’

अभिनेता ने कहा कि वह कश्मीरी पंडितों के मकसद पर पूरा जोर देते हैं। ‘मेरा दिल उनके लिए रोता है। यह शर्मनाक है तथा मैं घाटी में रहने वाले लोगों से अपील करता हूं कि वे कश्मीरी पंडितों को वापस लाये।’