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आज पेश नहीं होगा जाट कोटे का बिल, हरियाणा में फिर तनाव

assemblyरोहतक। हरियाणा सरकार द्वारा गुरुवार तक मांगें नहीं माने जाने पर जाटों ने फिर से आंदोलन की धमकी दी है। गुरुवार को जाट प्रतिनिधियों द्वारा दी जा रही डेडलाइन खत्म हो रही है। आरक्षण के समर्थन में उतरते हुए कांग्रेस नेताओं ने धरना शुरू कर दिया है। उधर, सरकार ने कहा है कि वादे के मुताबिक बिल पेश करेंगे, लेकिन बिल गुरुवार को पेश नहीं किया जाएगा।

जाटों द्वारा फिर आदंलोन शुरू करने की धमकी के तहत रोहतक में प्रमुख स्थानों और चौराहों पर सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। हरियाणा सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा है, ‘जाट बिल जरूर लाया जाएगा। जाट बंधुओं से कहना चाहता हूं कि धमकियां देना बंद करें।’

हरियाणा के अडिशनल चीफ सेक्रटरी (गृह) पीके दास ने कहा है, ‘हमें खबर मिली है कि जाट आंदोलनकारी कई जगहों पर जमा हो रहे हैं। यह नहीं कह सकते कि बिल आज ही पेश किया जाएगा, पर निश्चित तौर पर इस सत्र में पेश किया जाएगा।’ रोहतक के एसएसपी शशांक आनंद ने कहा है, ‘हम देखेंगे कि इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की जरूरत तो नहीं है, लोगों से अपील है कि अफवाहों पर ध्यान न दें।’

धमकी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने बुधवार को संवेदनशील क्षेत्रों में तैनाती के लिए केंद्र से अर्धसैनिक बलों की मांग की थी। रोहतक रेंज के पुलिस महानिरीक्षक संजय कुमार ने कहा, ‘केंद्र से (राज्य गृह विभाग के माध्यम से) अर्धसैनिक बलों की मांग की गई है।’ उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य स्थानों से अतिरिक्त पुलिस बल का भी इंतजाम किया गया है। उन्होंने कहा, ‘हमने समुचित पुलिस सुरक्षा व्यवस्था की है। हमारे पास समुचित संख्या में बल है और उसी अनुसार तैनाती की जा रही है।’ हालांकि उन्होंने इस संबंध में जानकारी देने से इनकार कर दिया कि जाट नेताओं द्वारा आंदोलन फिर से शुरू किए जाने की स्थिति में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कितने पुलिसकर्मी तैनात किए जा रहे हैं। अधिकारी ने कहा, ‘मैं इसका खुलासा नहीं कर सकता, क्योंकि यह सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है।’
पिछले महीने हुए जाट आंदोलन के दौरान हिंसा को नियंत्रित करने में ‘असफल’ रहने के कारण हरियाणा पुलिस की खूब आलोचना हुई थी। आंदोलन के दौरान 30 लोग मारे गए थे। रोहतक के तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक श्रीकांत जाधव को हरियाणा सरकार ने निलंबित कर दिया था। जाट आरक्षण आंदोलन का केंद्र रहे रोहतक सहित झज्जर, कैथल, जींद, सोनीपत और भिवानी में भयंकर हिंसा हुई थी।

ऑल इंडिया जाट संघर्ष समिति के नेतृत्व में जाट समुदाय ने धमकी दी थी कि यदि राज्य की बीजेपी सरकार ने 17 मार्च तक उनकी मांगे पूरी नहीं कीं, तो वे आंदोलन फिर शुरू कर देंगे। जाट नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में 10 प्रतिशत आरक्षण, प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी वापस लिए जाने, आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के लिए मुआवजा और कुरुक्षेत्र से बीजेपी सांसद राज कुमार सैनी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। समिति के प्रमुख यशपाल मलिक ने कहा था, ’17 मार्च को हम अगले चरण पर फैसला करेंगे कि सड़क जाम करनी हैं, रेलवे ट्रैक जाम करना है या किसी अन्य प्रकार का आंदोलन करना है।’

रोहतक में बंद शिक्षण संस्थान हरियाणा के रोहतक जिले के कॉलेज संस्थानों के आग्रह पर बंद हैं, ताकि छात्रों को ज्यादा छुट्टियां मिल सकें। पहले के कार्यक्रम के मुताबिक कॉलेज 20 से 27 मार्च तक बंद होने थे। नवनियुक्त उपायुक्त अतुल कुमार ने कहा कि रोहतक में विभिन्न कॉलेजों के प्रिंसिपल, रजिस्ट्रार और प्रबंधन अधिकारियों ने उनसे मुलाकात की और आग्रह किया कि उन्हें कॉलेज बंद करने की अनुमति दी जाए। यह पूछने पर कि क्या जाट नेताओं की धमकी के बाद यह कदम उठाया गया है तो उन्होंने कहा, ‘मेरे आदेश में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है।’