वॉशिंगटन। दुनिया के सबसे चर्चित वैज्ञानिकों में से एक अल्बर्ट आइंस्टाइन द्वारा करीब 100 साल पहले लगाए गए अनुमान आज सच साबित हो गए हैं। करीब सवा अरब साल पहले ब्रह्मांड में 2 ब्लैक होल में टक्कर हुई थी और यह टक्कर इतनी भयंकर थी कि अंतरिक्ष में उनके आसपास मौजूद जगह और समय, दोनों बिगड़ गए। आइंस्टाइन ने 100 साल पहले कहा था कि इस टक्कर के बाद अंतरिक्ष में हुआ बदलाव सिर्फ टकराव वाली जगह पर सीमित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा था कि इस टकराव के बाद अंतरिक्ष में ग्रैविटेशनल तरंगें (गुरुत्वाकर्षण तरंगें) पैदा हुईं और ये तरंगें किसी तालाब में पैदा हुई तरंगों की तरह आगे बढ़ती हैं।
अब दुनिया भर के वैज्ञानिकों को आइंस्टाइन की थिअरी ऑफ रिलेटिविटी (सापेक्षता के सिद्धांत) के सबूत मिल गए हैं। इसे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ी सफलता माना जा रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्हें ब्लैक होल की टक्कर के बाद पैदा हुई ग्रैविटेशनल तरंगें मिल गई हैं। इस खोज से न सिर्फ आइंस्टाइन की यह थिअरी सही साबित हुई है, बल्कि इससे पहली बार 2 टकराने वाले ब्लैक होल की भी पुष्टि हुई है। इस खोज के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ब्रिटेन के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने इसे हमारी सदी की सबसे बड़ी वैज्ञानिक खोज करार दिया है।
Immensely proud that Indian scientists played an important role in this challenging quest.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11,2016
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वैज्ञानिकों को इस खोज के लिए बधाई देने में पीछे नहीं रहे। उन्होंने ट्वीट करके कहा,’हमें बहुत गर्व है कि भारतीय वैज्ञानिकों ने इस चुनौतीपूर्ण खोज में अहम भूमिका निभाई है।’ मोदी ने वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए लगातार कई ट्वीट किए। उन्होंने ट्विटर पर कहा,’गुरुत्वीय तरंगों की ऐतिहासिक खोज ने ब्रह्मांड को समझने के लिए एक नया मोर्चा खोल दिया है। मैं देश के एक विकसित गुरुत्वीय तरंग अन्वेषक के साथ और अधिक योगदान के लिए आगे बढ़ने की उम्मीद करता हूं।
Hope to move forward to make even bigger contribution with an advanced gravitational wave detector in the country.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 11, 2016