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अरुणाचल सीमा पर घुसपैठ की खबर को चीन ने तवज्जो नहीं दी

17china_flagपेइचिंग। अरुणाचल प्रदेश में PLA सैनिकों की घुसपैठ के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प को तवज्जो नहीं देते हुए चीन ने गुरुवार को कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में वह शांति और धैर्य बनाए रखने को प्रतिबद्ध है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने दोनों बलों के बीच हुई झड़प की खबर पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा, ‘हमने गौर किया है कि भारतीय अधिकारी ने यह कहते हुए स्थिति को स्पष्ट किया है कि कोई घुसपैठ नहीं हुई है जैसा कि मीडिया की खबरों में बताया जा रहा है।’

अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताए जाने के चीन के दावे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्र के पूर्वी हिस्से के बारे में चीन की स्थिति स्पष्ट है।’ उन्होंने कहा, ‘जैसा कि मैंने कहा कि यह चीन की सीमावर्ती सेना की तरफ से नियमित गश्त थी और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और धैर्य बनाए रखने के लिए चीन प्रतिबद्ध है।’
चीन के 200 से अधिक सैनिकों द्वारा अरुणाचल प्रदेश में घुसपैठ की 9 जून की खबर के बारे में लु ने बुधवार को कहा कि चीन और भारत की सीमा का अभी तक सीमांकन नहीं हुआ है। लु ने कहा, ‘समझा जाता है कि चीन के सैनिक एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) की चीनी सीमा की तरफ सामान्य तौर पर गश्त कर रहे थे।’

खबरों में कहा गया है कि PLA सैनिकों का बड़ा दल इलाके में कुछ घंटे तक रहा और फिर अपने अड्डे की तरफ लौट गया। घुसपैठ के मुद्दे पर चीन हमेशा एक ही रुख अपनाता रहा है कि जब भी सैनिक LOAC की भारतीय सीमा की तरफ आते हैं तो वह कहता है कि इस बारे में दोनों देशों की अलग अवधारणा है।

LOAC में 3488 किलोमीटर लंबी सीमा आती है। चीन कहता है कि सीमा विवाद महज दो हजार किलोमीटर तक है जो मुख्यत: अरुणाचल प्रदेश में है जबकि भारत का कहना है कि विवाद पूरे LOAC को लेकर है जिसमें अक्साई चिन भी शामिल है जिसे चीन ने 1962 के युद्ध में हड़प लिया था।