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अरविन्द केजरीवाल का एक और कारनामा-जानिए दिल्ली में गैसकिट पर लगी पाबंदी क्यों हटाई, आम आदमी सेना करेगी ‘आप’ को बेनकाब

लखनऊ। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने जिस BRC कंपनी को डुप्लीकेट गैसकिट लगाने के फर्जीवाड़े के बाद गैसकिट लगाने का काम बंद किया था. उसे फिर से कैसे दिल्ली में गैसकिट लगाने की इजाजत दे दी. इसके पीछे एक बड़ी दिलचस्प कहानी यह है कि पंजाब के चुनाव समाप्त होते सीएम साहब खांसी का इलाज कराने बेंगलुरु गए थे या कंपनी के इंडिया हेड मार्केटिंग से डील करने. दरअसल इस बात का खुलासा BRC  कंपनी के मार्केटिंग हेड ने एक फोटो फेसबुक पर पोस्ट की है, जिससे इस बात का शक और भी गहरा जाता है.

सूत्रों के मुताबिक जिंदल मेडिकल इंस्टीट्यूट ( BRC ) के मार्केटिंग हेड राजू रघुवंशी ने 9 फ़रवरी को अपनी फेसबुक पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के साथ अपनी फोटो पोस्ट की है. बताया जाता है कि यह फोटो पंजाब चुनाव के बाद बेंगलुरु में खांसी का इलाज कराने गए अरविन्द केजरीवाल के उस समय की है. इसी के ठीक बाद BRC कंपनी को फिर से गैसकिट लगाने की इजाजत दे दी गयी. जानकर लोग बताते हैं कि इस डील के पीछे करोड़ों रुपये का लेनदेन होना बताया जाता है.

अदालत को क्या जवाब दिया था केजरीवाल के मंत्री ने ?

गौरतलब है कि इस कंपनी का काम करीब छह महीने पहले आम आदमी सेना के आरोप लगाने के बाद बंद कर दिया गया था. दिल्ली सरकार कि इस रोक को लेकर गैसकिट लगाने वाली कंपनी ने अदालत की शरण ली थी. जिसके चलते केजरीवाल सरकार के ट्रांसपोर्ट मिनीस्टर सतेंद्र जैन और कमीश्नर से जब अदालत ने इस रोक को लेकर जवाब माँगा था तो इन लोगों ने खुद कोर्ट को BRC कंपनी के द्वारा लगायी जा रही गैसकिट के कागजात पर फर्जी होने का शक जताया था. लेकिन छह महीने बाद बेंगलुरु में खांसी का इलाज कराने गए सीएम केजरीवाल से कंपनी के मार्केटिंग हेड की क्या डील हुई कि एक मुलाकात के बाद दिल्ली आते ही फिर से उसी कंपनी को गैसकिट लगाने की इजाजत दे दी गयी.

फिलहाल दिल्ली में चल रहे डुप्लीकेट गैसकिट लगाने के कारोबार पर लगी पाबंदी को हटाने के खिलाफ आम आदमी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभात कुमार और राष्ट्रीय महासचिव वेद प्रकाश गुरुवार को देश की राजधानी दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर सीएम केजरीवाल सरकार की डील का बड़ा खुलासा करेंगे. ‘इंडिया संवाद’ से हुई एक बातचित में उन्होंने बताया कि BRC कंपनी पहले ही दिल्ली में हजारों डुप्लीकेट गैसकिट लोगों की गाड़ी में लगा चुकी है. जिसका विरोध करने के बाद दिल्ली सरकार ने इस पर रोक लगायी थी, लेकिन अब यह धंधा फिर से चालू हुआ है. जिसके पीछे भी कंपनी के मार्केटिंग हेड और मुख्यमंत्री केजरीवाल की मुलाकात बताई जाती है.