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‘अरबों की संपत्ति की जांच से बचना चाहते हैं श्री श्री , इसलिए अयोध्या में सुलह कराने का लिया ठेका’

लखनऊ। बाजपा के पूर्व सांसद और राम  मंदिर आंदोलन से जुड़े राम विलास वेदांती ने राम जन्मभूमि विवाद में मध्यस्थता करने को लेकर श्री श्री रविशंकर पर निशाना साधा है। वेदांती ने कहा है कि श्री श्री रविशंकर कौन होते हैं मध्यस्थता करने वाले।  उन्हें अपना एनजीओ चलाते रहना चाहिए और विदेशी फंड को जमा करना चाहिए। वेदांता ने कहाकि उन्होंने खूब संपत्ति बना ली है और उसकी जांच से बचने के लिए वे राम मंदिर विवाद में कूद पड़े हैं।’ बता दें, श्री श्री रविशंकर इस मुद्दे पर सभी पक्षकारों मुलाकात करने के लिए गुरुवार को अयोध्या गए हैं।

हो रही 20 करोड़ की डील

वहीं निर्मोही अखाड़ा के प्रमुख और इस विवाद में एक पक्षकार महंत दिनेंद्र दास ने भी श्री श्री पर आरोप लगाया है। महंत ने कहा कि विवादिन जमीन से अपना दावा छोड़ने के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड से 20 करोड़ रुपए की डील हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड से श्री श्री रविशंकर डील कर रहे हैं।

इनके साथ ही मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य एजाज अरशद कासमी ने भी कहा है कि श्री श्री रविशंकर चाहते हैं कि मुस्लिम इस विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ दें। कासमी ने 6 अक्टूबर को बेंगलुरू में श्री श्री रविशंकर से मुलाकात की थी। अब कासमी का कहना है कि अभी तक श्री श्री ने समझौते का कोई भी मॉडल पेश नहीं किया है। मॉडल पेश होगा, तभी को बातचीत होगी। उन्होंने कहा कि श्री श्री चाहते हैं कि मुस्लिम विवादित जमीन गिफ्ट दे दें और दूसरी जगह जमीन लेकर मस्जिद बना लें।

गौरतलब है कि , विश्व हिन्दू परिषद भी श्री श्री रविशंकर के मध्यस्थता करने के फैसले के खिलाफ है। वीहीप ने बुधवार को कहा कि पुरातात्विक साक्ष्य मिलने के बाद राम जन्म भूमि को लेकर सुलह-समझौते की रट का अब कोई औचित्य नहीं है,न्यायालय साक्ष्य मांगता है, जो हिन्दुओं के पक्ष में है। फिर बातचीत कैसी और क्यों।