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अमेरिका में पीएम मोदी ने क्यों कहा ‘अटक से कटक’?

वॉशिंगटन। अमेरिका दौरे के दौरान रविवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे, तो उनके मुंह से एक ऐसी बात निकली जिसने वहां मौजूद सभी लोगों को कुछ देर के लिए चौंका दिया। भारत में हो रहे विकास का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ‘कश्मीर से कन्याकुमारी’ और ‘अटक से कटक’ तक विकास कर रहा है। कश्मीर से कन्याकुमारी तक की बात तो हर भारतीय के लिए आम है, लेकिन ‘अटक से कटक’ सुनकर लोग इसलिए हैरान हो गए क्योंकि अटक पाकिस्तान में है। लोग समझ नहीं पाए कि मोदी ने पाकिस्तानी शहर अटक का नाम क्यों लिया।

भारतीय उपमहाद्वीप की लंबाई और देश की विविधता का जिक्र करते हुए अकसर ‘कश्मीर से कन्याकुमारी’ तक की बात कही जाती है। यह कई दश्कों से चला आ रहा है। हालांकि विभाजन के पहले ‘खैबर से कन्याकुमारी’ कहा जाता था। इसी तरह ‘अटक से कटक’ की बात भी विभाजन से पहले कही जाती थी। आजादी के बाद यह उत्तर पश्चिमी शहर पाकिस्तान के हिस्से में चला गया। भारत में ब्रिटिश राज से काफी पहले अटक मराठा साम्राज्य का सीमांत शहर हुआ करता था। मराठाओं ने दुर्रानियों को हराकर अटक के किले पर भगवा झंडा फहराया था।

खास बात यह है कि ‘अखंड भारत’ की बात करने वाले कट्टर दक्षिणपंथी संगठनों ने भी ‘अटक से कटक’ का जिक्र कम से कम सार्वजनिक तौर पर तो कई सालों से नहीं किया है। एक पूर्व नौकरशाह का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अटक का जिक्र सिर्फ तुकबंदी के लिए किया गया, जो सुनने में अच्छी लगती है। इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने आतंकवाद का जिक्र करते हुए कई बार पाकिस्तान पर निशाना साधा था। हालांकि उन्होंने सीधे पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। मोदी ने कहा था कि भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक का दुनिया में किसी ने विरोध नहीं किया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, ‘जिनको भुगतना पड़ा, वह अलग बात है।’ यह बात सुनते ही वहां मौजूद लोगों के चेहरे पर हंसी आ गई।