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अब पेश नहीं होगा रेल बजट, कैबिनेट ने आम बजट में विलय के प्रस्ताव को दी मंजूरी

modi-cabinetनई दिल्ली। देश में अब रेल बजट पेश नहीं होगा। केंद्रीय कैबिनेट ने रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव को आज हरी झंडी दे दी। प्रधानमंत्री कार्यालय में हुई मोदी कैबिनेट की मीटिंग में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही अब रेल बजट के सभी प्रस्ताव आम बजट में शामिल कर दिए जाएंगे बावजूद इसके रेलवे एक अलग इकाई का अपना रुतबा बनाए रखेगी।

रेलवे की विभागीय तौर पर चलाए जाने वाले एक वाणिज्यिक उपक्रम की अलग पहचान बनी रहेगी। सूत्रों का कहना है कि रेलवे की कामकाज में स्वायत्तता भी बनी रहेगी। मौजूदा व्यवस्था के तहत वित्तीय रेलवे के वित्तीय अधिकार भी बने रहेंगे। रेल बजट के आम बजट में विलय के बाद रेलवे को केंद्र सरकार को लाभांश का भुगतान भी नहीं करना होगा। वित्त मंत्रालय अन्य मंत्रालयों की तरह रेलवे को भी उसके पूंजी व्यय के लिए ग्रॉस बजटरी सपॉर्ट देता रहेगा।

गौरतलब है कि कैबिनेट के सामने आम बजट पेश करने की तिथि भी पीछे करने का प्रस्ताव रखा गया। थोड़ी देर में वित्त मंत्री अरुण जेटली इसकी जानकारी देंगे कि इस प्रस्ताव पर कैबिनेट ने क्या फैसला लिया। बहरहाल, रेल बजट को आम बजट में मिला दिए जाने और बजट पेश करने की तिथि पहले करने के बाद अलग से विनियोग विधेयक और लेखानुदान पेश करने की आवश्यकता नहीं होगी। मौजूदा प्रक्रिया में अप्रैल से जून तीन माह के लिए पहले लेखानुदान पारित कराया जाता है।