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…अगर ऐसा हुआ तो इस विधायक का वोट अहमद पटेल के लिए बन सकता है ‘संजीवनी’

अहमदाबाद।  गुजरात राज्यसभा चुनाव में काउंटिंग के बाद भी दोनों पार्टियों में जंग जारी है. कांग्रेस ने दो वोट निरस्त किए जाने की मांग की है. उधर, बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने वित्त मंत्री अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल के नेतृत्व में चुनाव आयोग से मुलाकात करके जल्द मतगणना की मांग की है.

कांग्रेस का कहना है कि व्हिप जारी होने के बाद वोट दिखाया नहीं जा सकता. कांग्रेस का आरोप है कि उसके दो बागी विधायक राघवजी पटेल और कांग्रेस विधायक भोला पटेल ने वोट डालते समय बीजेपी नेताओं को अपनी पर्ची दिखाई थी. कांग्रेस चुनाव अधिकारियों से पुराना वीडियो फुटेज दिखाए जाने और इन दोनों विधायकों के वोट निरस्त करने की मांग कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि हाल ही में हरियाणा में हुए चुनाव में हमारे एक विधायक ने गलती से अपना वोट किसी और को दिखा दिया जिसे अमान्य माना गया था. कांग्रेस इसी आधार पर दो विधायकों के वोट रद्द करने की मांग कर रहे हैं.

अगर कांग्रेस की मांग की अनुसार दो वोट निरस्त कर दिए जाएंगे तो अहमद पटेल की जीत आसान हो सकती है. ऐसी स्थिति में अहमद पटेल की राह आसान हो सकती है. चुनाव जीतने का आंकड़ा 44 हो सकता है. कांग्रेस इस मामले में हरियाणा राज्यसभा चुनाव का उदाहरण दे रही है.

अगर दो वोट निरस्त हो जाते हैं तो जीत का आंकड़ा कम हो जाएगा. जेडीयू विधायक छोटू वसावा पर अहमद पटेल की जीत निर्भर हो जाएगी. मीडिया में वसावा में कांग्रेस को वोट देने की बात कही है. हालांकि पार्टी कुछ अलग ही बात कह रही है.

उधर, रविशंकर प्रसाद ने चुनाव आयोग पहुंचने के बाद कहा अभी चुनाव आयोग से मिला. मेरे साथ पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमन मिले. सुबह वोटिंग के दौरान कांग्रेस ने आपत्ति नहीं जताई लेकिन शाम को अचानक जब उन्हें पता चला कि वो हार रहे हैं तो आपत्ति ली. कांग्रेस बेबुनियाद आरोप लगा रही है. कांग्रेस पार्टी को हार की हताशा के लिए कोई मौका नहीं दिया जाए. अगर रिटर्न ऑफिसर ने कोई आपत्ति नहीं जताई तो फिर कांग्रेस के आरोपों का कोई मतलब ही नहीं. बीजेपी का कहना है कि विधायकों ने पोल एजेंट को वोट दिखाया था, न कि बीजेपी नेताओं को. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि दो विधायकों ने बीजेपी नेताओं को पर्ची दिखाई है.