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अखिलेश यादव ने मुलायम का किया तख्तापलट, शिवपाल के पर कतरे तो अमर बाहर

लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) को पूरी तरीके से हथिया लिया है. पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करने का प्रस्ताव पास कर दिया गया. यह प्रस्ताव सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने पेश किया, जो अधिवेशन में पारित हो गया.

– इसके अलावा अधिवेशन में शिवपाल यादव सपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का भी प्रस्ताव भी पारित हो गया. इनकी जगह बदायूं से सांसद धर्मेंद्र यादव को सपा का यूपी प्रदेश अध्यक्ष पद सौंप दिया गया.

– राज्यसभा सांसद अमर सिंह को भी सपा से निकालने का प्रस्ताव पेश किया गया, जो सर्वसम्मति से पास हो गया.

– मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाकर मार्गदर्शक बना दिया गया.

मुलायम पर नहीं आने दूंगा आंच: अखिलेश

सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में ये चार बड़े फैसले लेने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के खिलाफ साजिश होती है तो उनका बेटा होते हुए मेरी जिम्मेदारी है कि वे साजिश को सामने लाएं. नेजाती के छवि पर किसी तरह की आंच आने नहीं दी जाएगी. नेताजी का साथ महत्वपूर्ण है. बाप-बेटे के रिश्ते को कोई खत्म नहीं कर सकता.

उन्होंंने कहा कि समाजवादी पार्टी 2017 का विधानसभा चुनाव जीतकर एक बार फिर सत्ता में आएगी.

मालूम हो कि अगस्त से ही चाचा शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच टकराव हो रहे हैं. अक्टूबर में दोनों नेताओं के बीच सार्वजनिक मंच पर तू-तू मैं-मैं हुए थे. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने जब अखिलेश यादव से सपा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष का पद छीनकर शिवपाल को दे दिया था. इसके जवाब में अखिलेश ने शिवपाल को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था. काफी मान-मनौव्वल के बाद मामला सुलझ गया था. एक बार फिर से टिकट बंटवारे को लेकर दोनों नेताओं के बीच तलवारेे खींच गईं. इसके बाद शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया था. शनिवार को अखिलेश यादव ने 212 विधायकों का शक्ति प्रदर्शन किया और गेंद अपने पाले में कर लिया. पार्टी में अखिलेश की हैसियत को देखते हुए मुलायम में दोनों का निलंबन रद्द कर दिया.

अखिलेश और रामगोपाल यादव इतने भर से शांत नहीं हुए और पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर मुलायम सिंह यादव का पार्टी में तख्तापलट कर दिया.