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अखिलेश ने पेश किया सप्लिमेंट्री बजट, बिजली-बुदेंलखंड के लिए मांगा पैसा

cm lkoलखनऊ। विधानसभा में गुरुवार को अखिलेश यादव ने इस वित्तीय वर्ष (2015-16) का दूसरा सप्लिमेंट्री बजट पेश किया। 27 हजार 758 करोड़ रुपए के सप्लिमेंट्री बजट में बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त इलाकों, बिजली और को-ऑपरेटिव बैंकों का खास ख्याल रखा गया है। शुक्रवार को सीएम साल 2016-17 का आम बजट पेश करेंगे।
किसको मिली कितनी रकम?
– सप्लिमेंट्री बजट में सरकार बिजली कंपनियों के ‘उदय’ योजना के तहत 26, 606 करोड़ रुपए के बॉन्ड जारी करेगी।
– सरकार ने सूखा राहत कार्य के लिए 904.52 करोड़ रुपए अलॉट किए हैं।
– को-ऑपरेटिव बैंकों को जीवित करने के लिए 248 करोड़ अलॉट हुआ है।
– सप्लिमेंट्री बजट से राज्य सरकार पर 248.86 करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व बोझ आएगा। नॉन परफॉर्मिंग एक्पेंडीचर में कटौती कर इसे बैलेंस किया जाएगा।
सप्लिमेंट्री बजट की जरूरत क्यों पड़ी?
बिजली कंपनियों के उदय योजना के लिए यूपीपीसीएल को पेमेंट करना है। इसलिए लिए सरकार के पास फंड की कमी हो गई है।
– को-ऑपरेटिव बैंकों को इंडियन रिजर्व बैंक से लाइसेंस हासिल करने के लिए रुपयों की जरूरत है।
– बुंदेलखंड में सूखा प्रभावित इलाकों में रिलीफ फंड और किसानों को मुआवजा देने के लिए भी पैसे चाहिए।
सप्लिमेंट्री बजट पेश करने के बाद सीएम ने क्या कहा?
विपक्ष कम्प्युटर से दुश्मनी रखते हैं। वे पुराने आंकड़ों पर बात कर रहे हैं। बंदरबाट कौन करता है, ये सबको पता है।
– बुंदेलखंड के किसानों के लिए सरकार मदद कर रही है। सबसे ज्यादा किसान कहां मर रहे हैं। पता कर लीजिए।
– ये सप्लिमेंट्री बजट किसानों के लिए है।
– सरकार रेवेन्यू पावर सेक्टर में काम करना चाहती है। विपक्ष इस बजट की सिर्फ आलोचना कर रहे हैं।
लॉ एंड ऑर्डर पर बीएसपी का वॉक-आउट
इसके पहले सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीएसपी, कांग्रेस और बीजेपी ने वकीलों के बवाल और प्रदेश में खराब लॉ एंड ऑर्डर का मुद्दा उठाया। पोस्टर-बैनर लहराते हुए कांग्रेस वेल में आ गई, जबकि बीएसपी ने सदन से वॉक आउट कर दिया। हंगामे के बीच ही सीएम ने सप्लिमेंट्री बजट पर साइन किए।
विपक्ष ने क्या कहा?
-बीएसपी ने कहा, “पुलिस महकमा गूंगा-बहरा होकर वकीलों का तांडव देख रहा था। हंगामे, पथराव और आगजनी से आम लोगों को कितनी परेशानी हुई। यूपी पुलिस चाटुकार हो गई है। इसके चलते ये हंगामा हुआ।”
-वकीलों के हंगामे पर आजम ने कहा, ” लखनऊ की घटना बेहद अफसोसजनक है। कानून के रखवालों ने ही हंगामा किया। सरकार ने लखनऊ की घटना में संयम से काम लिया।
शिवपाल ने गिनाई सपा सरकार की उपलब्धियां
– सदन में मंत्री शिवपाल यादव ने कहा, “केंद्र ने किसानों को तेजी से राहत नहीं दी। सूखा राष्ट्रीय समस्या थी। केंद्र सरकार इससे निपटने में फेल हुई है।”
– उन्होंने कहा, “सीएम ने आकस्मिकता निधि (contingency fund) से पैसे दिए हैं। किसानों को हम लगातार राहत दे रहे हैं। 2 हजार 500 करोड़ किसानों को बांटा गया है। भारत सरकार सिर्फ मानकों और जांच में उलझी हुई है।”
क्या होता है सप्लिमेंट्री बजट?
हर बजट की मैक्सिमम और मिनिमम लिमिट होती है। जब सरकार विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए अतिरिक्ति खर्च की व्यवस्था करना चाहती है, तो वह जनरल बजट से पहले एक एस्टिमेशन पेश करती है। उसे सप्लिमेंट्री बजट कहते हैं।