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अखिलेश के तेवर हुए बागी, उम्मीदवारों की सूची खारिज हुई तो दे सकते हैं इस्तीफा

akhilesh-mulayam-shivpalलखनऊ। अगर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ,अपने पुत्र और उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव द्वारा सौंपी गई उम्मीदवारों की सूची को खारिज करते हैं तो अखिलेश यादव इस्तीफा भी दे सकते हैं।गौरतलब है कि अपने चाचा और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव द्वारा 175 उम्मीदवारों की सूची को जारी किये जाने के बाद अखिलेश ने रविवार को 403 उम्मीदवारों की सूची मुलायम सिंह यादव को सौंपी है।
सीएम अखिलेश यादव के बेहद नजदीकी सूत्रों का कहना है कि सीएम अखिलेश यादव इस बार पूरे फ़ार्म में हैं और आर या पार की लड़ाई का मूड बना चुके हैं।गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी में इस्तीफे,निष्कासन और रूठने मनाने का ड्रामा पिछले एक साल से चल रहा है अभी कुछ दिनों पहले शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव द्वारा मंत्री पद छीने जाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष समेत अपने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
परिवार का यह ड्रामा माफिया डान मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी की पार्टी को सपा में शामिल करने और पुनः निकाले जाने से शुरू हुआ था लेकिन शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव से सहमति लेकर पिछले दिनों मुख्तार अंसारी की पार्टी को सपा में शामिल कर लिया और तो और बिना अखिलेश को विश्वास में लिए उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर दी।
अखिलेश के मौजूदा तेवर पर उनके एक नजदीकी कहते हैं कहते हैं कि शिवपाल यादव ने जिन 23 लोगों की सूची जारी की गई है उनमे से तक़रीबन 8 लोग ऐसे हैं जिनको टिकट देने पर अखिलेश यादव कत्तई सहमत नहीं थे, लेकिन उनसे पूछने की भी जरुरत नहीं समझी गई। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने माफिया डान और कई अपराधों में अभियुक्त रहे अतीक अहमद के अलावा ,माफिया डान मुख्तार अंसारी के भाई सिबगेतुल्लाह अंसारी को टिकट देने का ऐलान किया है इसके अलावा नसीमुद्दीन सिद्दीकी के भाई हसिबुद्दीन सिद्दीकी पर भी दांव आजमाने की कोशिश की जा रही है ,जिनको लेकर अखिलेश यादव का सीधा विरोध रहा है।
खबर तो यह तक है कि हसिबुद्दीन की कई बार कोशिशों के बावजूद अखिलेश यादव ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया था।बताया जाता है कि टिकटों की घोषणा के बाद अखिलेश ने मुलायम से सीधे सीधे आपत्ति दर्ज कराई थी लेकिन मुलायम सिंह यादव ने कोई जवाब नहीं दिया,इसके बाद अखिलेश ने अपनी सूची मुलायम को थमा थी।
लाखों खर्च करने के बाद झटका टिकट वितरण में अखिलेश यादव की किस किस्म से अनदेखी की गई है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गाजीपुर के जिलाध्यक्ष रमाशंकर कुशवाहा को मार्च माह में मोहम्मदाबाद से टिकट देने की घोषणा की गई थी,लेकिन ऐन मौके पर उनका टिकट रद्द कर दिया गया।
रमाशंकर बताते हैं कि मैंने मार्च माह से अब तक लाखों रूपए चुनाव क्षेत्र में खर्च कर डाले ,आज भी वहीँ से लौट रहा हूँ ,4 दिसंबर को अखिलेश जी मिले तो उन्होंने कहा कि आपका टिकट पक्का है ,लेकिन अब अचानक मेरा टिकट निरस्त कर दिया गया।हम पूछते हैं कि क्या आपको ऐसा होने की उम्मीद थी? रमाशंकर कहते हैं कि जबसे कौमी एकता दल को सपा में शामिल किया गया था तब से हमें अंदाजा था लेकिन स्थिति इतनी खराब हो जाएगी इसका अंदाजा नहीं था।
समूचे प्रदेश के उम्मीदवारों का नाम तय सूत्रों कि माने तो शिवपाल यादव ने समूचे प्रदेश में उम्मीदवारों का नाम लगभग तय कर लिया है,अब इन नामों पर मुलायम सिंह यादव की सहमति की औपचारिकता भर रह गई है। गौरतलब है कि सीएम अखिलेश यादव अलग अलग मंचों पर कहते रहे हैं कि टिकटों के वितरण का फैसला वो खुद करेंगे लेकिन अभी तक ऐसी स्थिति नहीं दिख रही थी कि टिकट वितरण में उनकी सुनी जायेगी या फिर उनके द्वारा चुने हुए नामों पर शिवपाल भी सहमत होंगे। ऐसे में अखिलेश का मौजूदा दांव मुलायम परिवार में अब तक चले चलाये गए हथियारों में सबसे धारदार माना जा रहा है ,इसका नतीजा ही इस महाभारत का नतीजा तय करेगा।