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अंडा बाहर से सख्‍त व अंदर से नरम क्‍यों होता है?

पहले अंडा आया या मुर्गी? यह पहले बहुत पुरानी है इसी तरह की इससे जुड़ी एक पहेली यह भी है कि अंडा बाहर से तो इतना सख्‍त होता है कि उसको फोड़ना पड़ता है लेकिन अंडे से जब चूजा बाहर निकलता है तो वह इसको सरलता से भेदकर बाहर निकल आता है यानी इससे निष्‍कर्ष निकलता है कि अंडा बाहर से सख्‍त  अंदर से नरम होता है लेकिन ऐसा क्‍यों होता है, यह अभी तक बड़ी पहेली रही है लेकिन पहली बार कनाडा के वैज्ञानिकों ने इस पहेली से पर्दा उठाने की बात कही है

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रिसर्च
कनाडा में मांट्रियल की मैकग्रिल यूनिवर्सिटी ने नयी तकनीक के माध्‍यम से अंडे के खोल की आंतरिक संरचना का अध्‍ययन किया इन्‍होंने इसकी मॉलीक्‍यूलर नैनोसंरचना  मैकेनिकल प्रॉपर्टीज का अध्‍ययन करने के लिए यह रिसर्च किया इस रिसर्च के मुताबिक जब अंडे दिए जाते हैं तो बाहरी वातावरण से बचने के लिए ये पर्याप्‍त रूप से मजबूत होते हैं इससे अंदर स्थित चूजे (चिक) को सुरक्षा मिलती है लेकिन जैसे-जैसे चूजे का अंडे की खोल के भीतर विकास होता है, वैसे-वैसे इसकी हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है अंडे के सेने (incubation) के दौरान खोल के अंदर की परत इस तरह की मिनरल-आयन सप्‍लाई के लिए घुल जाती है नतीजतन यह परत अंदर से निर्बल हो जाती है  चूजा आराम से इससे बाहर निकल आता है

शोधकर्ताओं का कहना है कि एटोमिक फोर्स माइक्रोस्‍कॉपी, इलेक्‍ट्रॉन  एक्‍स-रे इमेजिंग पद्धति के माध्‍यम से किए गए इस अध्‍ययन से यह भी पता चलता है कि संभवतया इंक्‍यूबेशन के दौरान अंडे के खोल की नैनोस्‍ट्रक्‍चर में होने वाले सूक्ष्‍म परिवर्तनों के कारण इस तरह के दोहरे कार्यकारी परिवर्तनहोते हैं वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि खाद्य सुरक्षा के लिहाज से भी यह स्‍टडी उपयोगी साबित हो सकती है

अध्‍ययन के दौरान यह भी पाया गया कि लाखों सालों के उद्विकास की कड़ी में ही पक्षी एकदम उपयुक्‍त अंडे देने में सक्षम हुए हैं इसके तहत अंडे के खोल के भीतर बेहद नाजुक, संरक्षात्‍मक परत विकसित होती है जिसमें चूजे के विकास के लिए महत्वपूर्ण सभी पोषक पदार्थ उपस्थित होते हैं यह अध्‍ययन साइंस एडवांस जर्नल में प्रकाशित हुआ है