लखनऊ। मुंबई में सहारा के सैंकड़ों कर्मचारी सैलरी की मांग को लेकर सात मार्च को सिर्फ अंडरवेयर पहन हाथ में कटोरा लिए प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन ऐसे वक्त में होने जा रहा है जब शुक्रवार को सहारा समूह के मालिक सुब्रत रॉय की सजा को दो साल पूरे हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपये वापस न करने पर सुब्रत को जेल भेज दिया था। वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व सहारा इंडिया कामगार संगठन करेगा, कंपनी के 38 साल के इतिहास में पहली बार कर्मचारी यूनियन का गठन किया गया है। संगठन के प्रमुख विशाल मोरे ने टीओआई को बताया, ‘9 लाख से अधिक कर्मचारियों को सिर्फ 40 से 50 फीसदी सैलरी मिल रही है। प्रबंधन अपने कर्मचारियों के बारे में नहीं सोच रहा है जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कंपनी को दे दी। हमारे पास सड़कों पर उतरने के अलावा और कोई चारा नहीं है।’
मोरे ने दावा किया था कि वह दीवाली से एक दिन पहले तिहाड़ जेल में 10 नवंबर को सुब्रत से मिले थे। उन्होंने कहा, ‘सहाराश्री ने हमें यह आश्वासन दिया था कि कर्मचारियों को 90 फीसदी सैलरी मिलेगी। लेकिन यह अब तक नहीं हो पाया है। कंपनी ने कर्मचारियों से सेफ एग्जिट की बात की थी। उनसे कहा गया था कि अगर वे इस्तीफा दे देंगे तो उनकी बकाया सैलरी उन्हें दे दी जाएगी। कई लोगों ने छह महीने पहले ही इस्तीफा दे दिया था। लेकिन उन्हें अभी भी कंपनी की तरफ से किए वादे के पूरा होना का इंतजार है।’
जब टीओआई ने कंपनी के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन से इस प्रदर्शन के बारे में पूछा तो इसने कहा, ’30 महीने से हमारा समूह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सेबी के प्रतिबंध का सामना कर रहा है। समूह की संपत्ति को बेच या गिरवी रख कर एक पैसा नहीं उठा सकते। हम सैलरी दे रहे हैं लेकिन यह 33 से 50 फीसदी है जिससे परिवार चल सके। हम आपको नहीं बता सकते कि हम कितनी दिक्कत में कर्मचारियों को पैसे दे रहे हैं।’