सूर्य प्रताप सिंह
तथाकथित ‘बामपंथी बुद्धिजीवियों’ (So called left liberal intellectuals) ने देश के लिए जान न्योछावर करने वाले शहीद की बेटी ‘गुरमेहर कौर’ का भी ब्रेनवाश कर दिया !
गुरमेहर कौर क्रोध का नहीं दया व सहानुभूति की पात्र है। कोई बेटी जिसके पिता जिसको दुष्ट पाकिस्तानी घूसपेठीयों ने कारगिल में मौत के घाट उतरा हो, वह पाकिस्तान को निर्दोष कैसे कहने लगी ? भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री बाजपेई जी तो शांति बस लेकर लाहौर गए थे तो कायर अहंकारी औरंजेबी….तानाशाह मुशर्रफ ने मित्रस्वभाव प्रधानमंत्री बाजपेई जी के साथ धोखा कर कारगिल में पाक आतंकी सेना को घुसा दिया था। भारत ने तो युद्ध नहीं थोपा था… भारत ने तो अपनी सीमा की रक्षा हेतु पाकिस्तानी दुष्टों को खदेड़ा था। पाकिस्तान ने तो ‘चोरी और ऊपर से सीना ज़ोरी’ दिखाई थी। ऐसी दुष्ट पाकिस्तानी सेना ने गुरमेहर के पिता को मारा तो पाकिस्तान को निर्दोष कैसे कहा जा सकता है ? भारत तो शांतिप्रिय देश है, अपनी तरफ़ से युद्ध की पहल भारत ने कभी नहीं की। कश्मीर व भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवादी पिछले कितने समय से क़हर बरसा रहे हैं… निर्दोष लोगों, बच्चों तक पर बम फेंकते हैं… गोली बरसातें रहे हैं। पहली बार ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ से पाकिस्तान को मुँह तोड़ जवाब मिला है…. आज पाकिस्तान विश्वपटल पर अलग थलग पड़ा है।
मैं स्वमँ जेएनयू में कुछ समय पढ़ा हूँ …JNU व DU में पहले माहौल ही कुछ ऐसा होता था …..अपने देश व सिस्टम को गाली देना छात्रों में फ़ैशन सा है ….अब सारी सीमायें लाँघ कर कश्मीर को भारत से अलग देखना व देश के ख़िलाफ़ नारे लगाना जेएनयू व डीयू में शुरू हो गया है …. यह देश विरोधी अतिवादी सोच है ….पहले वहाँ कोई क़तिपय कारणों से प्रतिकार नहीं करता था अब ABVP आदि राष्ट्रवादी संगठनों द्वारा ‘छद्म वामपंथी बुद्धिजीवियों’ के देश विरोधी कृत्यों का विरोध किया जा रहा है तो थोड़ा हंगामा होगा ही…. इन संस्थाओं में राष्ट्र विरोधी सोच में बदलाव आवश्यक है….देश में राष्ट्र विरोधियों का विरोध होना ही चाहिए।
गुरमेहर जैसे बच्चों को समझना होगा क्या देश के हित में है और क्या अहित में…. आज सारा विश्व जनता है कि पाकिस्तान आतंकवाद को संरक्षण देने वाला मुल्क है। ऐसे में गुरमेहर की अपने शाहिद पिता के हत्यारे पाकिस्तान को निर्दोष कहकर शाहिद पिता व देश की रक्षार्थ शाहिद हुए सैकड़ों सैनिकों का अपमान नहीं करना चाहिए….. इस बच्ची का राष्ट्र विरोधी तत्वों द्वारा ब्रेन वाश किया गया है…. धिक्कार है कि इस प्रकरण में गुरमेहर को समझाने के बजाय कुछ स्वार्थी नेता पाकिस्तान व देशद्रोहियों का समर्थन कर अपनी राजनीतिक रोटी सेक रहे हैं ….सभी नागरिकों को देश ‘प्रथम’ के अभिमत को अंगिकृत करना होगा …. कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, मानना होगा…तिरेंगे व राष्ट्रगान का सम्मान करना होगा…. भारत माँ की जय व वन्देमातरम् कहने से गुरेज़ नहीं होना चाहिए, तभी भारत पुनः महान बन सकता है।