लखनऊ। यूपी सरकार के मंत्री गायत्री प्रजापति पर एक नाबालिग से गैंगरेप का आरोप है। गायत्री प्रजापति अभी भी फरार चल रहे हैं। बीजेपी ने तो अखिलेश पर अपने सीएम आवास में गायत्री को छिपाकर रखने का आरोप लगाया है। उधर, इस मामले पर सीएम अखिलेश यादव ने पहली बार चुप्पी तोड़ी है। अखिलेश यादव ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच चल रही है। अखिलेश ने दावा किया कि राज्य सरकार यूपी पुलिस को पूरा सहयोग कर रही है और दोषी किसी कीमत पर नहीं बचेंगे।
हालांकि अखिलेश ने यह कहते हुए एक तरह से गायत्री प्रजापति का बचाव भी किया कि बदायूं जैसे मामलों में देखा जा चुका है कि आरोप से इतर सच्चाई कुछ और ही सामने आई। एसएसपी लखनऊ एम सैनी ने कहा है कि अगर पीड़ित केस के जांच अधिकारी से संतुष्त नहीं होगी तो जांच अधिकारी को निश्चित तौर पर बदला जाएगा।
In case she (victim) is not satisfied with Investigating Officer,we will definitely change IO: M Saini,SSP Lucknow on Gayatri Prajapati case
उधर, यूपी पुलिस ने 16 साल की पीड़ित नाबालिग का एम्स में बयान दर्ज किया है। लड़की की मां ने मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके सहयोगियों पर अपनी बेटी से गैंगरेप करने का आरोप लगाया है। पीड़िता के परिवार और वकील का दावा है कि विरोध के बावजूद उसका बयान दर्ज किया गया। वकील ने राज्य पुलिस पर धमकी देने और जबरदस्ती बयान दर्ज करने का आरोप लगाया है।
भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि गायत्री प्रजापति को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने आवास पर छिपा रखा है। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने आरोप लगाया, ‘गायत्री प्रजापति को मुख्यमंत्री आवास पर छिपाकर रखा गया है और पुलिस गिरफ्तारी का नाटक कर रही है।’ मौर्य ने कहा, ‘अखिलेश गंगा मां की कसम खाकर कहें कि उन्होंने प्रजापति को मुख्यमंत्री आवास में नहीं छिपाया है। मुख्यमंत्री चाहेंगे तो प्रजापति दस मिनट में जेल में आ जाएंगे।’
मंत्री प्रजापति से उनकी ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा भी वापस ले ली गई है। ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को एक या दो कमांडो समेत 11 सुरक्षाकर्मियों का कवच उपलब्ध कराया जाता है। पुलिस प्रजापति को तलाश रही है। पुलिस के विशेष दल उनके विधानसभा क्षेत्र अमेठी और लखनऊ स्थित ठिकानों पर छापा मार रहे हैं लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। हालांकि, प्रजापति 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में अमेठी में बेरोकटोक वोट डाल गए और उससे पहले उन्होंने अपने लिये चुनाव प्रचार भी किया।
वर्ष 2012 में अमेठी से एसपी विधायक चुने गये प्रजापति और छह अन्य लोगों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 18 फरवरी को गैंगरेप का मुकदमा दर्ज किया गया था। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उस वक्त खनन मंत्री रहे प्रजापति को अवैध खनन के आरोप में पिछले साल मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था। हालांकि मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप पर उन्हें दोबारा कैबिनेट में शामिल करके परिवहन मंत्री बनाया गया था।