नई दिल्ली। य़ूपी के चुनाव में मंत्री गायत्री प्रजापति पर बलात्कार के आरोप का मुद्दा भी खूब गूंज रहा है. आज सुप्रीम कोर्ट में गायत्री प्रजापति की उस अर्जी पर सुनवाई होई जिसमें उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें कोई राहत नहीं दी है. गायत्री अभी फरार हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आप केस दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमने शिकायत पर एफआईआर का आदेश दिया था. आप राहत के लिए हाई कोर्ट जाने जैसे दूसरे कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करें.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस को गायत्री प्रजापति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के उसके आदेश को ‘‘राजनीतिक रंग’’ दिया जा रहा है और यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है.
अखिलेश यादव के मंत्री गायत्री प्रजापति फरार चल रहे हैं, बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापति को पुलिस ढूंढ रही है, लेकिन वो गायब हो गए हैं. यही वजह है कि चुनाव के मैदान में हर दिन गायत्री की फरारी का मुद्दा गुंज रहा है और निशाने पर अखिलेश यादव और उनकी सरकार है.
गायत्री की गिरफ्तारी का मुद्दा हर दिन गरम होता जा रहा है. अब खबर ये है कि यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने भी अखिलेश को चिट्ठी लिखी है और पूछा है कि बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापति को मंत्री पद से क्यों नहीं हटाया जा रहा.
गायत्री खुद तो फरार हैं, लेकिन उनके वकील सामने आए हैं और गायत्री के खिलाफ लगे आरोपों को साजिश बता रहे हैं. वहीं पीड़ित के वकील गायत्री के खिलाफ पुलिस की जांच पर ही सवाल उठा रहे हैं. गायत्री प्रजापति कहां हैं ये अभी किसी को नहीं पता. संभव है कि गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका पर फैसले का इंतजार कर रहे हों.
एबीपी न्यूज जब अमेठी में उनके घर पहुंचा तो वहां सन्नाटा पसरा हुआ है. सुरक्षाकर्मी भी हटा लिए गए हैं. गैंगरेप के केस में आरोपी प्रजापति के सहयोगी लेखपाल अशोक तिवारी भी फरार चल रहे हैं. फरार चल रहे अशोक तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है.
एक बार फिर सवाल वही है कि गायत्री को फरार होने किसने दिया, केस दर्ज होने के बाद भी गायत्री खुलेआम घूमते रहे, चुनाव प्रचार करते रहे, वोट भी डाला, लेकिन तब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया ?