
लिखित परीक्षा से होगी भर्ती
ये भर्तियां नए नियमों के मुताबिक होंगी। अभी तक इन स्कूलों में भर्ती स्कूल प्रबंधन ही करता आया था। इसका अनुमोदन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी करते थे। लेकिन इसमें कई किस्म के ‘खेल’ हुआ करते थे। प्रबंधन व बीएसए की मिलीभगत से उनके अपने लोगों को भर्ती कर लिया जाता था। लेकिन अब ये भर्तियां राज्य स्तर पर होंगी। राज्य सरकार ने 2019 में अध्यापक भर्ती नियमावली 1978 में संशोधन कर दिया है। इसके तहत शिक्षक चयन की लिखित परीक्षा राज्य स्तर पर होनी है। प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक की अर्हता में भी बदलाव हो चुका है। साथ ही चयन परिषदीय शिक्षकों की तरह गुणांक के आधार पर होना है।
नए सिरे से हुआ जनशक्ति निर्धारण
वहीं सरकार ने सहायताप्राप्त स्कूलों में शिक्षकों की संख्या भी तय कर दी है। अभी तक एक स्कूल में 4 शिक्षक, एक प्रधानाध्यापक व एक-एक लिपिक व परिचारक के पद होते थे इसके मुताबिक लगभग 24 हजार पद थे। लेकिन बीते वर्ष सरकार ने नए सिरे जनशक्ति निर्धारण किया है। अब इन स्कूलों में न्यूनतम तीन शिक्षक नियुक्त होंगे। वहीं 100 से ज्यादा बच्चे होने पर ही प्रधानाध्यापक का पद मान्य होगा। परिचारक का पद खत्म कर दिया गया है।