लखनऊ। यूपी में आचार संहिता लागू होने के बाद चार चरण का चुनाव बीत गया। अब जाकर आयोग ने यूपी में एंबुलेंस सेवा से समाजवादी शब्द हटाने का फरमान जारी किया है। ताकि सत्ताधारी दल यूपी चुनाव में इसे न भुना सके। मगर आयोग को मालुम होना चाहिए कि गोरखपुर में खुलेआम आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है। यहां के डीएम और एसएसपी में इतनी हिम्मत ही नहीं है कि वे हाईवे की होर्डिंग पर लगी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और वहां की जिला पंचायत अध्यक्ष की फोटो हटवा सकें। मऊ के चिल्लूपार विधानसभा इलाके से गुजरने वाले हाईवे पर लगी ये होर्डिंग्स चुनाव आयोग को मुंह चिढ़ा रहीं हैं। जबकि अभी यहां मतदान होना बाकी है।
अखिलेश के चेहरे वाला बैग लेकर पढ़ रहे बच्चे
मऊ के बडहल इलाक़े के भांटपार प्राथमिक स्कूल पर इंडिया संवाद टीम पहुँची। स्कूल में यूँ तो 88 बच्चों ने नाम लिखवाया है मगर मौजूद रहे 25 बच्चे। बच्चों के बस्ते पर सीएम अखिलेश की फ़ोटो छपी देख हम चौंक पड़े। जब आचार संहिता लागू हो तब ऐसे बस्ते नियम-कायदों का उल्लंघन नहीं करते। क्या चुनाव आयोग के कानों तक यह खबर नहीं पहुंची। अगर पहुंची तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई और अगर आयोग को बात मालुम नहीं तो फिर क्या जिला प्रशासन सत्ताधारी दल के आचार संहिता उल्लंघन की बातों को छिपा रहा। ऐसे तमाम सवाल उठ खड़े हो रहे हैं । पूछने पर प्रधानाध्यापक जयकृष्ण राय कहते हैं कि करीब डेढ़ महीने शासन के फ़रमान पर ये स्कूली बैग बच्चों में बाँटे गए।