अनशन तोड़ने के बाद भावुक हुईं इरोम शर्मिला, बोलीं- मैं मणिपुर की सीएम बनना चाहती हूं
इंफाल: मणिपुर में आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट यानी AFSPA के खिलाफ पिछले 16 सालों से अनशन कर रहीं इरोम शर्मिला ने आखिरकार अपना अनशन खत्म कर दिया है. हालांकि उनकी सेहत को लेकर चिंताओं के मद्देनजर अधिकारियों ने मंगलवार शाम उन्हें फिर से वापस अस्पताल ले गए.
इससे पहले मंगलवार दिन में इरोम शर्मिला ने अदालत से निकलकर अपना अनशन खत्म करने का ऐलान किया, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें शहद की एक शीशी दी। इरोम ने शीशी से थोड़ा सा शहद अपनी हथेली पर रखा और उसे देखकर वह भावुक हो गईं. इसके साथ ही उन्होंने कहा, मैं क्रांति की प्रतीक हूं. मैं मणिपुर की मुख्यमंत्री बनना चाहती हूं, ताकि अपने मुद्दों को राजनीति के जरिये उठा सकूं.
इरोम ने कहा कि मुझे आज़ाद किया जाए. मुझे अजीब सी महिला की तरह देखा जा रहा है. लोग कहते हैं, राजनीति गंदी होती है, मगर समाज भी तो गंदा है. उन्होंने कहा, मैं सरकार के ख़िलाफ़ चुनाव में खड़ी होऊंगी. मैं सबसे कटी हुई थी. मैंने महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर अमल किया है. मेरा ज़मीर क़ैद था, अब मुझे आज़ाद होना होगा. लोग मुझे इंसान के तौर पर क्यों नहीं देख सकते? मैं अपील करती हूं कि मुझे आज़ाद किया जाए.
साल 2000 में उन्होंने अपने अनशन की शुरुआत की थी और तब से उन्हें जिंदा रखने के लिए पाइप के जरिए जबरन लिक्विड डाइट दी जाती रही है. कुछ दिन पहले इरोम ने अनशन खत्म कर राजनीति में उतरने का फैसला किया था. उनका मानना है कि वह अपने मुद्दों को अब राजनीति के जरिए उठाएंगीं. 44 साल की इरोम ने शादी की भी इच्छा जताई है.