नई दिल्ली। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और सेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने युद्ध के दौरान जैविक और रासायनिक हथियारों के संभावित इस्तेमाल के मुद्दे पर गुरुवार को चिंता जताई. उन्होंने यह बात एक कार्यक्रम के दौरान कही, जिसमें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने परमाणु, जैविक, रासायनिक प्राथमिक चिकित्सा वाहन (एनबीसीआरवी) और दवाएं भारतीय सेना को सौंपीं.
रक्षा मंत्री ने कहा कि उन्होंने स्थानीय मीडिया में आई उन खबरों में तस्वीरों को देखा है, जिसमें अफगानी लोगों के शरीर पर चकत्तों को दिखाया गया है, जो निश्चित तौर पर रासायनिक हथियारों के संभावित इस्तेमाल का संकेत देती हैं.
पर्रिकर ने कहा कि अफगानिस्तान के दक्षिणी और उत्तरी हिस्से में रहने वाले स्थानीय लोगों की तस्वीरें मैंने देखी हैं, जिनके शरीर पर चकत्ते हैं. इस वक्त मैं पुष्टि नहीं करता हूं, लेकिन तस्वीरें बेहद विचलित करने वाली हैं. उन्होंने कहा कि हमें हर तरह के युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए.
इसी तर्ज पर जनरल रावत ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र हालांकि रासायनिक हथियारों पर बैन लगा चुका है, लेकिन दुश्मनों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. कुछ रिपोर्ट के मुताबिक, वजीरिस्तान क्षेत्र में कुछ स्थानीय लोगों के शरीर पर चकत्ते और घाव देखे गए हैं, जो रासायनिक हथियारों का परिणाम लगते हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि भारत को रासायनिक या जैविक हथियारों का खतरा है, मंत्री ने कहा कि यह किसी भी हालात से निपटने के बारे में है. उन्होंने कहा कि हमें हर तरह की मुसीबत के लिए तैयार रहना चाहिए.