लखनऊ। एमएलसी चुनाव में सपा के प्रत्याशियों के समर्थन में बैठे अपने प्रत्याशियों के मामले की बीजेपी व्यापक जांच कराएगी। नामांकन वापसी के समय इन प्रत्याशियों ने पर्चा वापस लेकर बीजेपी की खूब भद पिटवायी थी। घटना के करीब एक सप्ताह बाद बीजेपी इस पर जगी है और जांच कमिटी गठित कर दी है। इसकी घोषणा उस दिन गई है जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी अवध क्षेत्र के दौरे पर हैं।
यूपी में स्थानीय निकाय कोटे की एमएलसी की 36 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। इसमें 26 सीटों पर बीजेपी ने भी उम्मीदवार खड़े किए थे। आगरा सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी तेज प्रताप सिंह ने कथित तौर पर अपना अपहरण हो जाने की बात कह पर्चा ही दाखिल नहीं किया था। इसके चलते सपा को वह सीट निर्विरोध मिल गई। हालांकि बीजेपी प्रत्याशी की ओर से इस मामले में पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई। इसके चलते मामला संदिग्ध लग रहा था। वहीं लखनऊ-उन्नाव से अनिरुद्ध चंदेल और बांदा से बीजेपी प्रत्याशी आनंद त्रिपाठी ने आखिरी समय पर पर्चा ही वापस ले लिया। जबकि मेरठ में सपा से लाकर वीरेंद्र यादव को टिकट दिया गया था। वह न केवल दोबारा सपा में चले गए बल्कि अपना पर्चा भी वापस ले लिया। सभी सीटों पर सपा के प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो गए। अब प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने पूरे मामले की जांच करने को कहो कहा है।
प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बताया कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही आगरा, रमापतिराम त्रिपाठी बांदा, प्रदेश उपाध्यक्ष शिवप्रताप शुक्ल मेरठ और विधायक सतीश महाना लखनऊ-उन्नाव क्षेत्र में प्रत्याशी चयन, नामाकंन और नाम वापसी की स्थितियों की जांच करेंगे। 6 मार्च तक रिपोर्ट देनी है। माना जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने इस मामले में बचाव के तौर पर कदम उठाए गए हैं। पार्टी पदाधिकारियों ने ही टिकट की खरीद फरोख्त से लेकर प्रत्याशी के करोड़ों रुपये लेकर बैठ जाने के आरोप लगाए हैं। उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज ने तो वहां के प्रत्याशी चयन के मसले पर प्रदेश नेताओं से लेकर स्थानीय एमएलसी तक पर सवाल खड़ा किया है।