योगेंद्र कुमार त्यागी
बहन मायावती जी आज आपने बहुत भावनात्मक भाषण दिया आखिर में आपने कहा कि मैंने जो छोटी-मोटी गलतियां की हैं उन पर मुझे माफ कर दो अब मैं गलतियां नहीं करूंगी अब मुझे वोट दो
बहुत अच्छी बात है आपने अगर गलतियां की हैं और उन्हें मान रही हो लेकिन मैं छोटी-मोटी कुछ गलतियां आपको गिना रहा हूं क्या आप अगले किसी भाषण में उन्हें बिंदुवार कह कर माफी मांग सकती हो?
आप और आपका भतीजा टीपू दोनों एक जैसे हैं आप दोनों के संबंध में मेरे मन में कुछ सवाल है अगर यह सही हैं तब क्या आप माफी मांग सकती हैं?
हालांकि अब माफी मांगने से भी काम नहीं चलेगा क्योंकि जनता ने 229 सीटें भारतीय जनता पार्टी के खाते में लिख दी हैं अब केवल 11 मार्च की मतगणना का इंतजार है
परंतु फिर भी अपनी गलतियों को समझना चाहो तो समझ लेना तथा अपने भतीजे टीपू से भी बता देना
बहन जी आपकी पार्टी को 80 तथा टीपू की पार्टी को 60 सीटें मिलेंगी आपकी पार्टी के मुस्लिम विधायक जो 4-4 करोड रुपए आपको देकर, टिकट लाए हैं वह 6- 6 करोड़ रुपए टीपू से लेकर आपकी पार्टी को तोड़कर टीपू की पार्टी में शामिल हो जाएंगे
कुछ जागरूक जाटव, पासी समाज, दलित समाज उन मुस्लिम विधायकों की इस चाल को समझ गया है तथा वह आपको वोट ना देकर सीधा भारतीय जनता पार्टी को वोट कर रहा है
बहन जी यदि आप समझना चाहें तब आपकी और आपके भतीजे टीपू की निम्नलिखित गलतियों की वजह से भारतीय जनता पार्टी जैसी पार्टी की सरकार बनने जा रही है “जो सरकार बनने के बाद हिंदू हितों से बिलकुल किनारा कर लेती है” तथा उसे “सबका साथ सबका विकास” और “नोबेल पुरस्कार” ही ध्यान में रहता है तथा वह एक समान जनसंख्या कानून जैसे विधेयक को लाना भूल जाती है तथा अपनी जीत को “हिंदुत्व” की जीत न बताकर “विकास” की जीत बताने लगती है
“”” हिंदुओं ने आखिरी बार भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में सरकार बना दी है अब या तो यह हिंदुत्व के एजेंडे पर चलेंगे वरना 2019 में इनका नाश निश्चित है””‘
आगे की कहानी बहन मायावती जी की जुबानी
1- मेरे कार्यकाल में समस्त ट्रांसफर पोस्टिंग पैसे देकर की जाती थी हर पद पर रहने के लिए भी माहवार पैसे वसूले जाते थे और मेरे भतीजे टीपू ने हजारों समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता खड़े कर दिए हैं जिन्होंने इसी तरह से ट्रांसफर पोस्टिंग कराई है
2- जिस तरह मेरे भतीजे टीपू की समाजवादी पार्टी ने तालिबानी शासन चलाने के लिए मुस्लिमों को तरजीह दी है तथा थानों में केस दर्ज नहीं किए जाते हैं लूट, चोरी, डकैती सब में शामिल मुसलमानों को थाने से छुड़ा लिया जाता है तीन- तीन टोपी पहन कर बैठे नवयुवक मोटरसाइकिल पर मां ,बहन, दादी ,बुआ, भतीजी ,चाची सबकी गालियां देकर पुलिस वालों को चौराहा पार करते हैं तथा घर में घुसकर मारने की धमकी देकर जाते हैं ठीक वैसा ही व्यवहार बसपा के शासनकाल में मेरे मुस्लिम विधायकों जिला अध्यक्षों एवं कोर्डिनेट्रों के सहयोग से भी किया जाता था
3- मैंने शराब को प्रिंट रेट से ऊपर बिकवा कर हजारो करोड रुपए कमाए थे तथा मेरे भतीजे टीपू ने मेरे इस काम को प्रिंट रेट से ऊपर ना वसूल कर सीधा रेट ही बढ़ा दिया जिससे चड्ढा साहब का कमीशन सीधा बढ़ गया यानी जिस समय मेरा शासन था तब 50 से ढाई सौ रुपए तक प्रति बोतल अतिरिक्त वसूली होती थी तथा वह धनराशि चड्डा साहब के माध्यम से मुझ तक पहुंच जाती थी परंतु मेरे भतीजे टीपू ने इस धनराशि को संस्थागत रूप से चड्ढा साहब का कमीशन बढाकर सीधा देने का काम किया है तथा मैंने सारे शराब के ठेके एक ही व्यक्ति “चड्ढा” को दे दिए थे जिससे हजारों लोग बेरोजगार हो गए तथा पहले स्थानीय स्तर के व्यक्ति को अपने क्षेत्र में शराब की दुकान लॉटरी के तहत निकल जाती थी तथा वह अपने आसपास के शराब पीने वालों को नाम और पड़ोस के होने के नाते जानता था इसलिए वह नकली शराब नहीं बेचता था लेकिन अब चड्ढा साहब का एकाधिकार हो गया लाखों लोग बेरोजगार हो गए नकली शराब के धंधे में पूरे प्रदेश में हजारों लोगों की जान चली गई तथा मेरे भतीजे टीपू ने भी मेरी चड्ढा साहब पर की गई कृपा को उसी प्रकार जारी रखा है हालांकि जब “चड्ढा साहब” का पाप का घड़ा भर गया तथा लाखों लोगों की बद्दुआ लग गई तब दोनो भाई आपस में ही एक दूसरे को मारकर मर गए थे
4- मैं सुबह से शाम तक 100 करोड़ रुपए इकट्ठे करके अपने आवास पर गिनती थी इसके लिए नोट गिनने की मशीनें तक लगा रखी थी ठेकेदारों को ठेका देने के लिए मेरी डायरी में लिखा जाता था तब एक ही व्यक्ति को तीनों टेंडर फार्म दे दिए जाते थे इसके अलावा पूरे प्रदेश में कोई भी व्यक्ति टेंडर नहीं भर सकता था मेरे भतीजे टीपू में मेरी इस अच्छाई को मेरी तरह ही लागू रखा तथा पूरे प्रदेश में हर ठेकेदार को जिसको ठेका देना तय हुआ है तीन फार्म टीपू में भी दिए हैं हाल है कि टीपू मेरी तरह केवल एक डायरी में नाम लिखकर ठेके नहीं दे सका टीपू के परिवार के 42 लोग इस काम को करते थे तथा कहीं कहीं तो तीन अलग-अलग आदमियों का नाम एक ठेके के लिए लिख दिया जाता था
5- मैंने सारी सरकारी चीनी मिलों को चड्ढा साहब एवं अपने नजदीकी उद्योगपतियों को ओने पौने दामों में बेच दिया था जिससे सरकार का नियंत्रण चीनी मिलों से लगभग खत्म साफ हो गया है मेरे समय में चीनी मिल 10% तक कांटा बांधकर चलाते थे तथा चीनी मिलों में 50 रुपए से सौ रुपए प्रति कुंतल कम रेट पर खुलेआम नगद गन्ना खरीदा जाता था ०00मुझे बहुत खुशी है इस व्यवस्था को मेरे भतीजे टीपू ने भी मेरी ही तरह लागू रखा है तथा 4 साल गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया है भुगतान किसानों को नहीं मिलने दिया है इस बार जब गन्ने में 300 रुपए प्रति कुंतल का फायदा हो रहा है तब भी सांकेतिक वृद्धि ही मेरे भतीजे टीपू ने की है
6- मेरे समय में घोटालों में फंसे हुए लोगों को जेल में ही मार कर सबूत मिटा दिए जाते थे मेरे भतीजे टीपू की सरकार ने इस काम को मुझसे थोड़ा आगे बढ़ाया है टीपू की सरकार ने पत्रकारों तक को जिंदा जलने पर मजबूर कर दिया है तथा गायत्री प्रसाद जैसे बलात्कारी मंत्री का प्रचार करते समय उनको मंच से नीचे उतारकर मंच पर प्रचार करके अच्छा काम किया है
7-मेरे जन्मदिन के नाम पर पार्टी के हजारों कार्यकर्ता चंदा वसूली का काम करते थे इसके लिए कभी-कभार अधिकारियों कर्मचारियों की हत्या तक करनी पड़ जाती थी मेरे भतीजे टीपू की सरकार में इस व्यवस्था को भी जारी रखा है तथा चाचाऔ ने जी भर कर पैसे वसूले हैं एक चचाजान ने तो हजारों करोड रुपए इकट्ठे करके एक विश्व विद्यालय तक बना लिया है
8- मैंने रोड बनाते समय एक नई विधि ईजाद की थी क्योंकि सीधा काम करने में 29% से 35% तक ही कमीशन मिल पाता था इसलिए कुछ सड़कों को मैं एक विभाग से बनवाने के बाद किसी दूसरे विभाग से उसका बिल पास करवा देती थी जिससे मुझे 90% तक धनराशि मिल जाती है मेरे भतीजे टीपू ने इसी प्रकार के काम को आगे बढ़ाकर 100% कमीशन प्राप्ति तक का काम करके मुझे पीछे छोड़ दिया है मेरा काम 90% में चल जाता था लेकिन भतीजे टीपू ने सौ प्रतिशत तक कमाई के काम किये हैं
9- मेरी हत्या करने का प्रयास कुछ समाजवादी विचारधारा के “शांतिदूतों” ने किया था मेरे अंगःवस्त्रो तक भी हाथ पहुंचा दिए थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी के मेरे एक भाई ने बीच में आकर न केवल मेरी जान बचा दी थी बल्कि राक्षसों को वहां से भगा भी दिया था मैंने उन्हीं राक्षसों से समझौता किया तथा उस राक्षस को अपनी पार्टी से सांसद तक बना दिया था तथा जिस पार्टी ने मुझे चार बार मुख्यमंत्री बनाने में मदद की तथा मेरी जान बचाई उनका एहसान रत्ती भर नहीं मानती हूं ऐसे ही मेरा भतीजा टीपू है जिन बदमाशों, बेईमानों, हत्यारों ,लुटेरों ,खनन माफियाओं,बलात्कारियों को मंत्रिमंडल से बाहर किया था उन सबको बाद में टिकट देकर पुनः मंत्री बनाने की तैयारी में लगा है
10- मेरी पार्टी के मुस्लिम नेता अपने अपने इलाकों में कटिया डलवा कर खुलेआम बिजली चोरी कराते थे मेरे भतीजे टीपू ने मेरे इस काम को संस्थागत रूप से मजबूत कर दिया है तथा उन्हें बुनकर बनाकर फ्री बिजली के कनेक्शन देकर हीटर, गीजर, टीवी, फ्रिज सहित 10 किलोवाट से 25 किलोवाट तक का लोड मुफ्त में प्रयोग करने का अवसर प्रदान किया है तथा निरीह, कमजोर ,जातियों में बंटे जीर्ण-शीर्ण लाचार असहाय हिंदू समाज को उनका भी बिल अदा करने का पुनीत अवसर दिया है मैं और मेरा भतीजा टीपू इस काम के लिए धन्यवाद के पात्र हैं
11- मेरी पार्टी के हर विधानसभा के अंदर सौ से अधिक कार्यकर्ता एससी-एसटी के मुकदमे दर्ज कराकर समझौता करने के नाम पर ब्लैकमेलिंग के काम में लगे रहते थे तथा गांव में स्वर्ण जातियों ,पिछड़ी जातियों की जमीनों एवं ग्राम सभा की जमीनों पर निगाह गड़ाए रहते थे ठीक इसी प्रकार का काम मेरे भतीजे टीपू की पार्टी के नेताओं ने किया है किसी भी व्यक्ति के नाम तहरीर देकर उसे थाने में बैठवा देना तथा हजारों रुपए लेकर ब्लैकमेल करना जमीनों एवं संपत्तियों पर कब्जा करना मेरे काम को मेरे भतीजे ने आगे ही बढाया है
12- कानून व्यवस्था के खराब होने के बाद भी मैं पीएसी को बैरक से बाहर नहीं निकलने देती थी जिससे मुस्लिम भाइयों के बीच गलत संदेश ना जाए क्योंकि यह पीएसी वाले लाठी चार्ज करके कानून व्यवस्था को ठीक कर देते हैं लेकिन मुस्लिम समाज नाराज हो जाता है भले ही चाहे हिंदुओं की हत्याएं क्यों न हो जाएं दंगे क्यों न भडक जाए परंतु मैं पीएसी को बैरक में ही रखती थी ठीक यही काम मेरे भतीजे टीपू ने किया है उसने भी पूरे 5 साल पीएसी को बैरक से बाहर नहीं निकलने दिया है