लखनऊ। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की वाराणसी संसदीय सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ताल ठोंकने वाले अजय राय इस बार यहां कि पिंडरा विधानसभा सीट से मैदान में हैं. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अजय राय यहां से मौजूदा विधायक हैं लेकिन इसके बावजूद पूरे प्रदेश में राहुल गांधी के साथ घूमने वाले अखिलेश यादव अजय राय की सीट पर प्रचार करने से बच रहे हैं. इसकी वजह अजय राय की बाहुबलि छवि है.
पिंडरा विधानसभा सीट पर अजय राय की पकड़ का अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि 1997 से वो 5 बार यहां से जीत चुके हैं. इसमें से शुरूआती 3 चुनाव उन्होने बीजेपी के टिकट पर जीते, उसके बाद निर्दलीय और फिर 2012 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता. इस बार वो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साझा उम्मीदवार हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी के मुखिया और स्टार प्रचारक अखिलेश यादव अब तक उनके लिए प्रचार करने नहीं आए हैं बल्कि 2 बार वाराणसी का अपना कार्यक्रम रद्द कर चुके हैं लेकिन अजय राय ये बात नहीं मानते.
अजय राय के मुताबिक, ”अखिलेश जी और उनका परिवार पूरी तरह से सब लोग साथ खड़े हैं और मैं समझता हूं कि दोनों लोग बनारस जिले में आ रहे हैं और हमें पूरा समर्थन हैं. अजय जो भी दावा करें पर माना जा रहा है कि उनकी बाहुबलि छवि की वजह से अखिलेश उनका प्रचार करने से बच रहे हैं.
अजय राय को 2015 में आगजनी और हिंसा के मामले में रासुका के तहत गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में वो 6 महीने तक जेल में रहे. हालांकि अजय राय के खिलाफ हत्या, अपहरण जैसा कोई गंभीर मामला नहीं है लेकिन इलाके में उनकी छवि बाहुबलि नेता की है. इस वजह से अखिलेश भले ही उनके साथ मंच साझा करने से बच रहे हों पर आज लालू यादव उनका प्रचार करने पिंडरा पहुंच गए.
राहुल गांधी भी 2 मार्च को अजय राय के लिए प्रचार करने आएंगे. अजय राय का कहना है कि उनके मुकाबले में यहां कोई नहीं है लेकिन इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार अवधेश सिंह मोदी के नाम के भरोसे अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. अवधेश सिंह इससे पहले कांग्रेस में हुआ करते थे और अजय राय 3 बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं. अब दोनो अपनी अपनी पार्टियां बदलकर एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं.