लखनऊ। यूपी में चल रहे अखिलेश और शिवपाल के बीच चल रहा विवाद आज नए मोड़ पर पहुँच गया मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्लियामेंट्री बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया है. इस जिम्मेदारी के बाद शिवपाल यादव पार्टी का काम देखेंगे तो वहीं टिकट बटवारे का काम अखिलेश देखेंगे. इसी के साथ शिवपाल सपा के प्रदेश अध्यक्ष बनें रहेंगे. सपा सुप्रिमो मुलायम ने यह फैसला विवाद को खत्म करने और राजनीति में शक्ति संतुलन को बनाये रखने के लिए किया है.
आज सुबह अखिलेश यादव शिवपाल यादव से मिलने उनके घर गये. वहां से आने के बाद उन्होंने कहा कि मैं अपने चाचा के घर गया था, अध्यक्ष के घर नहीं. उन्होंने सड़क पर उतरे अपने समर्थकों को कहा कि नेताजी का फैसला सर्वमान्य है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ही होंगे, मैंने उन्हें इसके लिए बधाई भी दे दी है. अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी में कोई तकरार नहीं है, हम सब एक हैं.उन्होंने कहा कि राजनीति कोई खेल नहीं बहुत गंभीर काम है. हम सबको मिलकर काम करना होगा, ताकि विरोधियों को मौका ना मिले. अखिलेश ने आज शिवपाल को पीडब्ल्यूडी विभाग छोड़कर सारे विभाग लौटा दिये और कुछ नये विभाग देने की भी घोषणा की.
आज सुबह अखिलेश यादव के समर्थक सड़क पर उतर आये और शिवपाल के खिलाफ नारेबाजी की और अखिलेश को दुबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग की. कल भी अखिलेश और शिवपाल के समर्थक सड़क पर उतरे थे.
संसदीय बोर्ड किसी राजनीतिक दल का सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई होती है. पार्टी के सभी अहम फैसले इसी के द्वारा लिये जाते हैं. अब बोर्ड अध्यक्ष के रूप में अखिलेश का हर अहम फैसले में सीधा हस्तक्षेप होगा. आगामी चुनाव के लिए टिकटों के बंटवारे पर भी उनकी अंतिम सहमति अब अनिवार्य हो जायेगी.