इस्लामाबाद। भारत ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह की पाकिस्तान यात्रा के दौरान पड़ोसी देश को स्पष्ट किया था कि वह आतंरिक मामलों में दखल न दे। लेकिन बावजूद इसके पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ का कश्मीर राग जारी है। नवाज शनिवार को एक बार फिर कश्मीर पर बोले और कश्मीर में सुरक्षाबलों और स्थानीय लोगों के बीच हुई झड़प में घायल लोगों के इलाज की अनुमति मांगी। साथ ही उन्होंने कश्मीर की आजादी की मांग को भी समर्थन देने की बात दोहराई।
शनिवार को अपने एक बयान में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हुए कहा कि भारत को इसके लिए तैयार किया जाए। नवाज ने कहा कि भारत को कहा जाए कि पाकिस्तान को कश्मीर में घायल लोगों की मदद की अनुमति दे। नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान खासकर ऐसे लोगों की इलाज में मदद करना चाहता है, जो ‘खतरनाक’ पेलेट गन के इस्तेमाल की वजह से चोटिल हुए हैं।
‘द डॉन’ की रिपोर्ट के मुताबिक नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान चाहता है कि कश्मीर के चोटिल लोगों को तुरंत जितना संभव हो सके उतनी बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले। पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि कश्मीर में काफी बड़ा संकट खड़ा हो गया है, जिससे हमें पीड़ितों के लिए तुरंत खड़े होने की जरूरत महसूस हुई है।
नवाज शरीफ ने लगे हाथ भारत पर स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर कश्मीर से भेद करने का भी आरोप लगा डाला है। नवाज शरीफ का आरोप है कि भारत की तरफ से जो स्वास्थ्य सुविधाएं दी भी जा रही हैं, वह पीड़ितों तक नहीं पहुंच पा रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना अस्पतालों और ऐम्बुलेंस को भी निशाना बना रही है।
नवाज शरीफ ने एक बार फिर कश्मीर की आजादी की वकालत करते हुए कहा कि पेलेट गन की मार से अपनी आंख गंवा चुके लोग भी आजादी की रोशनी से राह पर चल रहे हैं। नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीर के लोगों की मांग को नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन देता रहेगा।
कश्मीर पर पाकिस्तान के इसी रवैये के मद्देनजर राजनाथ सिंहं की हालिया पाकिस्तान यात्रा तल्खी से भरी रही। स्थितियां ऐसी विकट बन गईं कि जहां एक ओर पाकिस्तान के आतंकियों और भारत विरोधी तत्वों ने राजनाथ सिंह की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन किए, वहीं पाकिस्तान के आतंरिक मामलों के मंत्री खुद की मेजबानी की डिनर पार्टी में भी शामिल नहीं हुए।
यहां तक कि राजनाथ सिंह को भी कहना पड़ा कि वह देश का मान लेकर गए थे इसलिए पाकिस्तान में लंच नहीं किया। हालांकि भारत ने सार्क के मंच का कूटनीतिक इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान को एक तरह से चेतावनी जरूर दे दी कि आतंरिक मामलों में दखलंदाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।