नई दिल्ली। बैंकों द्वारा ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलने के बढ़ते विरोध के बीच सरकार हरकत में आ गई है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने बैंकों से ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलने के फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है. इसके अलावा, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से खातों में न्यूनतम बैलेंस न होने पर पेनल्टी लगाने के फैसले को वापस लेने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि हाल ही में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक ने एक महीने में चार बार से अधिक धन जमा करने या निकासी पर न्यूनतम 150 रुपये शुल्क वसूलना शुरू किया है. एक्सिस बैंक ने भी इसी तर्ज पर शुल्क वसूलने का कदम उठाया है.
बैंकों के फैसले का हो रहा है विरोध
जब से बैंकों ने कैश ट्रांजेक्शन शुल्क वसूलने का फरमान सुनाया है, तभी से उनके इस फैसले का विरोध हो रहा है. सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा विरोध हुआ.लगता है कि सरकार ने बढ़ते विरोध के बीच दखल देने का फैसला किया है.
एसबीआई ने ग्राहकों को दिया तगड़ा झटका
वहीं, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी ग्राहकों को तगड़ा झटका दिया है. खातों में न्यूनतम बैलेंस बनाए रखने को अनिवार्य बनाते हुए कहा है कि ऐसा न करने वालों पर 1 अप्रैल से पेनल्टी लगाई जाएगी. बैंक ने महानगरीय क्षेत्रों में खातों के लिए न्यूनतम 5,000 रुपये, शहरी क्षेत्रों में 3,000, अर्ध शहरी क्षेत्रों में 2,000 तथा ग्रामीण इलाकों में 1,000 रुपये न्यूनतम बैलेंस रखने का फरमान दिया है. खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रहने पर 1 अप्रैल से जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माने की यह राशि तय की गई न्यूनतम बैलेंस और खातों में कम रह गई रकम के अंतर के आधार पर तय की जाएगी.