नई दिल्ली। शायर और गीतकार जावेद अख्तर भी 20 वर्षीय गुलमेहर कौर की टिप्पणी के बाद उठे कथित विवाद में कूद पड़े हैं और उन्होंने ट्रोल करने के लिए पहलवान योगेश्वर दत्त और क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग की आालेचना की है. अख्तर ने ट्वीट किया, ‘यदि कोई बमुश्किल साक्षर खिलाड़ी या पहलवान एक शहीद की शांतिप्रिय पुत्री को ‘ट्रोल’ करता है तो यह समझा जा सकता है लेकिन कुछ पढ़े लिखे व्यक्तियों को क्या हो गया है.’ हालांकि उनके ट्वीट के बाद ट्विटर पर लोग दोनों खिलाड़ियों के समर्थन में उतर आए और पद्मश्री से सम्मानित जावेद अख्तर की आलोचना करने लगे. जावेद अख्तर ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू पर भी गुरमेहर कौर पर उनकी टिप्पणी को लेकर निशाना साधा और इसे ‘अत्यंत पक्षपातपूर्ण’ बताया.
जावेद अख्तर ने ट्वीट किया
If a hardly literate player or a wrestler troll a pacifist daughter of a martyr its understandable but whats wrong with some educated folks
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 28, 2017
सेना के शहीद कैप्टेन मनदीप सिंह की पुत्री एवं लेडी श्रीराम कॉलेज की छात्रा 20 वर्षीय कौर ने रामजस कालेज में हिंसा के बाद अभियान शुरू किया था. रिजिजू ने कौर की आलोचना के लिए ट्वीट किये थे.
रिजिजू की टिप्पणी का जवाब देते हुए अख्तर ने ट्वीट किया, ‘श्रीमान मंत्री, आपने वामपंथियों पर सैनिक के शहीद होने का जश्न मनाने का झूठा आरोप लगाकर निंदा की और एबीवीपी के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा.’ अख्तर ने कहा, ‘मुझे उसके बारे में नहीं पता लेकिन श्रीमान मंत्री मुझे पता है कि आपका दिमाग कौन दूषित कर रहा है.’
Mr minister , you have condemned the left by falsely accusing them for celebrating soldiers killing n not a word about AVBP. Grossly biased
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) February 28, 2017
गुरमेहर ने एक पोस्ट में कहा था कि वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए उसके पिता को पाकिस्तान ने नहीं, युद्ध ने मारा था, और कथित रूप से इसी पोस्ट के जवाब में वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट किया था – ‘मैंने दो तिहरे शतक नहीं जड़े, मेरे बल्ले ने जड़े थे…’ हालांकि बाद में सहवाग ने कहा था कि उनका ट्वीट गुरमेहर के लिए नहीं था. यह केवल मजाक भर था जिसे लोगों ने कुछ और ही अर्थ लगा लिया.
ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान योगेश्वर दत्त ने भी ट्वीट कर अपनी स्थिति स्पष्ट की…
— Yogeshwar Dutt (@DuttYogi) February 28, 2017
इससे पहले मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर ने एबीवीपी के खिलाफ विरोध मार्च से हटते हुए उन्हें अकेले छोड़ देने का अनुरोध किया और वह अपने परिवार के पास जालंधर चली गईं. आरएसएस समर्थित एबीवीपी के खिलाफ अपने सोशल मीडिया अभियान को लेकर विवाद छिड़ने के बीच उनका यह फैसला आया. उनके अभियान के चलते उन्हें बलात्कार की कथित धमकियां मिलीं. यहां तक कि केंद्रीय मंत्री भी विवाद में कूद पड़े.
लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा कौर ने सिलसिलेवार ट्वीट में अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने काफी कुछ झेला है और ‘20 साल की उम्र में मैं इतना ही बर्दाश्त कर सकती हूं.’ इससे पहले कौर ने लोगों से अनुरोध किया था कि यदि शहीद की बेटी के रूप में उनकी पहचान से लोगों को परेशानी हो रही है तो वे इस रूप में उन्हें नहीं पहचाने. वह कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी हैं. सिंह जम्मू कश्मीर में 1999 में एक आतंकवादी हमले में मारे गए थे. दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की एक अधिकारी ने बताया, ‘वह अपने परिवार के पास जालंधर चली गई है.’ दिल्ली पुलिस ने जालंधर पुलिस से उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करने का अनुरोध किया है.