सोनीपत/चंडीगढ़। जाट आंदोलन के दौरान महिलाओं के साथ गैंगरेप की खबरों से हडक़ंप मच गया है। एक समाचार पत्र में प्रकाशित हुई खबर के बाद आईजी परमजीत अहलावत और राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रेखा शर्मा सोनीपत के मुरथल पहुंचीं और ग्रामीणों से बातचीत के बाद मामले को आधारहीन बताया। अभी तक इस मामले में कोई पीड़ित सामने नहीं आया है। राज्य के डीजीपी डीजीपी यशपाल सिंघल ने सोनीपत में 10 महिलाओं से रेप की खबरों को गलत बताते हुए कहा कि इसमें कोई सच्चाई नहीं है। रेप की खबर केवल कोरी अफवाह है। इस बीच पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट्स का संज्ञान लिया है, जिनमें जाम के दौरान गाड़ियों से महिलाओं को खींचकर रेप किए जाने का दावा किया गया था। उच्च न्यायालय ने इस बाबत हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है।
हाई कोर्ट के जस्टिस एनके सांघी ने इस बारे में एक अखबार में छपी खबर का का सुओमोटो नोटिस लिया है।हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस ने जस्टिस सांघी के पत्र को गंभीरता से लिया है। इस पत्र को जनहित याचिका स्वीकार करते हुए गुरुवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने के आदेश जारी किया है। जस्टिस एस के मित्तल की बेंच इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई करेगी।
प्रदेश में उपद्रवियों ने आरक्षण को लेकर खूब तांडव मचाया और इसी तांडव में कुछ महिलाओं के साथ गैंगरेप की खबरों ने हडक़ंप मचा दिया है। दरअसल ऐसी खबरें हैं कि सोनीपत के गांव हसनपुर और कुराड़ में उपद्रवियों ने आंदोलन की आड़ में कुछ महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाया। सूचना मिलते ही आईजी परमजीत अहलावत और आईएएस देवेंद्र सिंह की टीम मौके पर पहुंची और छानबीन शुरु कर दी। हालांकि ग्रामीणों ने आंदोलन के दौरान किसी भी रेप की घटना से इंकार किया है।
Punjab & Haryana High Court takes cognizance of news reports about rapes in Murthal(Haryana) during #JatReservation protests.
— ANI (@ANI_news) 24-फ़रवरी-2016
ग्रामीणों ने कहा कि प्रदर्शन के समय कुछ महिलाएं उनके गांव हसनपुर और कुराड़ में रुकी जरूर थीं, लेकिन रेप जैसी कोई बात सामने नहीं आई थी। राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रेखा शर्मा भी मामले की जांच के लिए सोनीपत पहुंची और ग्रामीणों से बात करने के बाद कहा कि उन्हें इस मामले में कोई सच्चाई नहीं लग रही है। फिर भी जिस समाचार पत्र ने ये बात लिखी है उनसे मिलकर जांच होगी। इस मामले में कितनी सच्चाई है ये तो जांच के बाद पता चल पायेगा, लेकिन प्रदेश में जाट आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को बड़ी मुश्किल के बाद शांत किया गया था। खबरों से प्रदेश के माहौल को दोबारा गर्म कर दिया है। ढाबा संचालकों से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।
महिलाओं के साथ नहीं हुआ अभद्र व्यवहार: प्रधान सचिव
महिलाओं के साथ अभद्र घटना के मामले में जांच-पड़ताल करने पहुंचे प्रधान सचिव देवेंद्र सिंह व आईजीपी परमजीत अहलावत ने कहा कि सोनीपत के कुराड़ में ऐसी कोई भी घटना नहीं घटी। प्रधान सचिव ने कहा कि उन्होंने कुराड़ के गणमान्य व्यक्तियों से इस विषय में स्वयं बातचीत की है, लेकिन बातचीत के दौरान इस प्रकार की कोई घटना सामने नहीं आई। कुराड़ के पूर्व सरपंच सरपंच बिजेंद्र सिंह ने महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार की कोई भी घटना होने से इंकार किया है।
उन्होंने कहा कि युवाओं की भीड़ ने जब उग्र होकर यात्री गाडिय़ों के शीशे तोड़े तो उसमें कुछ परिवारों को चोट भी लगी, जिनमें महिलाएं भी थी। ऐसे परिवारों को ग्रामीणों ने अपने घरों में शरण दी और खाना खिलाकर प्राथमिक उपचार भी कराया। उन्होंने कहा कि यहां कुछ बाहरी युवाओं ने अवश्य हिंसा का प्रयास किया, जिसे शांत करने में ग्रामीणों ने अपनी सक्रिय भूमिका अदा की। उन्होंने कहा कि कुराड़ के लोगों ने जाट आरक्षण के दौरान ग्रामीणों ने आंदोलन के दौरान चोट ग्रस्त महिलाओं को न केवल अपने घरों में शरण दी, बल्कि प्राथमिक उपचार करके उन्हें उनके गंतव्य के लिए सुरक्षित रूप से रवाना भी किया।