नई दिल्ली। जल निगम के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान के जमानत वारंट को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उनको आज इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष पेश होने के आदेश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान के रुख पर नाराजगी जाहिर करते हुए यह भी कहा कि वह हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर रहे हैं और आश्चर्य व्यक्त किया कि वह कैबिनेट मंत्री होने के बावजूद ऐसा कर रहे हैं.
दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट के वारंट जारी करने के फैसले के खिलाफ आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और वह इस मामले में पेश भी नहीं हुए.
इस पर नाराज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने सोमवार को पूछा कि यूपी जल निगम के चेयरमैन कहां हैं? क्या वह लखनऊ हैं या इलाहाबाद में हैं? इस पर आजम खान के वकील ने थोड़ा झिझकते हुए कहा कि जब भी उनसे कहा जाएगा तो वह पेश होंगे तो बेंच ने उनसे पूछा कि क्या मंत्री के पास हेलीकॉप्टर नहीं है?
उसके बाद यूपी के कैबिनेट मंत्री व जल निगम के चेयरमैन आजम खान को 8 मार्च को दोपहर 2 बजे लखनऊ कोर्ट में पेश होने के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की याचिका का निस्तारण किया. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया कि मंत्री होने के बावजूद आजम खान को वारेंट क्यों नहीं सर्व हुआ. हाई कोर्ट ने आजम खान के खिलाफ ज़मानती वारंट जारी किया है.
दरअसल कल हाई कोर्ट में आज़म खान को पेश होना था. पूर्व आदेश के अनुपालन में हाजिर न होने पर हाई कोर्ट ने यह आदेश जारी किया था. हाई कोर्ट ने जल निगम की ओर से 2013 में दायर एक सर्विस याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश दिया है.
मामले की सुनवाई के दौरान दस्तावेजों में प्रथम दृष्टया हेराफेरी को देखते हुए कोर्ट ने 17 फरवरी को निगम के चेयरमैन आजम खान समेत जल निगम के एमडी और मुख्य अभियंता के खिलाफ सख्त टिप्पणी की थी. वहीं सुनवाई के दौरान निगम के एमडी व चीफ इंजीनियर हाजिर थे, लेकिन आजम खान पेश नहीं हुए. कोर्ट ने सिंह के तर्क को दरकिनार कर आजम के खिलाफ जमानती वांरट जारी किया था.