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जब भाई ने संदिग्‍ध आतंकी सैफुल्‍ला को फोन किया तो जवाब मिला- मैं मरना पसंद करूंगा

लखनऊ। जब ठाकुरगंज के हाजी कॉलोनी में एटीएस ने अपरान्‍ह करीब साढ़े तीन बजे संदिग्‍ध आतंकी सैफुल्‍ला को घेरा तो पुलिस का इरादा उसको जिंदा पकड़ने का था. जब दो घंटे की मशक्‍कत के बाद भी वह हत्‍थे नहीं चढ़ा तो तकरीबन साढ़े पांच बजे पुलिस ने उसको पकड़ने की मुहिम के तहत उसके भाई से संपर्क साधा. इसके तहत कानपुर में रहने वाले सैफुल्‍ला के भाई खालिद को पुलिस ने फोन किया. उसको घटना की पूरी जानकारी दी और उससे कहा कि वह अपने भाई को सरेंडर करने के लिए कहे. इस बीच सैफुल्‍ला जिस मकान में छुपा था, उसके दरवाजे के नीचे से एक फोन उसके पास सरका दिया गया. खालिद की उस फोन के माध्‍यम से सैफुल्‍ला से बात हुई. खालिद ने रोते हुए अपने भाई से सरेंडर की गुजारिश की लेकिन सैफुल्‍ला ने कहा कि मैं इसके बजाय मरना पसंद करूंगा. यह पूरी बातचीत चंद मिनटों की हुई और पुलिस ने इसको पूरा रिकॉर्ड किया.

इस संबंध में एटीएस के वरिष्‍ठ अधिकारी असीम अरुण ने कहा,”संदिग्‍ध आतंकी को जीवित पकड़ने के प्रयास किए गए लेकिन दुर्भाग्‍य से ऐसा संभव नहीं हुआ. हमने उसको बाहर निकालने के लिए आंसू गैस के गोले और मिर्ची बम का इस्‍तेमाल भी किया ताकि वह बाहर आ सके लेकिन वह नहीं आया.”

जिस घर में सैफुल्‍ला छिपा था, उसके मालिक का नाम बादशाह है. बादशाह सऊदी अरब में रहता है और माना जा रहा है कि उसने छह महीने पहले चार लोगों को यह मकान किराए पर दिया था.

lucknow encounter

सैफुल्‍ला को जिंदा पकड़ने के लिए पुलिस ने मिर्ची बम का इस्‍तेमाल किया.

उल्‍लेखनीय है कि मंगलवार सुबह मध्‍य प्रदेश में एक ट्रेन में विस्‍फोट के बाद जब कई धड़ाधड़ गिरफ्तारियां हुईं तो पुलिस को सूचना मिली कि ठाकुरगंज में एक आतंकी छिपा है और वहीं पर इन बमों को बनाया गया है. उज्‍जैन से भोपाल जा रही उस ट्रेन में हुए विस्‍फोट में नौ लोग घायल हो गए.

12 घंटे से भी अधिक लंबे चले इस पुलिसिया ऑपरेशन में सैफुल्‍ला को पुलिस ने ढेर कर दिया और उसके पास से भारी मात्रा में हथियारों के अलावा आतंकी संगठन आईएसआईएस का झंडा और एक ट्रेन टाइम-टेबिल मिली.