www.puriduniya.com नई दिल्ली। कहने को तो उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या है. लेकिन हकीकत उनसे परे है. दरअसल सच तो यह है की बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में खासी पकड़ रखने वाले पार्टी के संगठन मंत्री सुनील बंसल ही यूपी के खेवनहार है. जिसके चलते बंसल ने अपने चहेतों को पार्टी के शीर्ष पदों पर बैठा रखा है. यहां तककि मौर्या कोई मनमानी न कर सकें. इसलिए उनके आगे पीछे मुखबरी करने के लिए अपने चहेतों की एक बड़ी फौज खड़ी कर रखी है.
सूत्रों के मुताबिक इस फौज के जरिए बीजेपी के संगठन मंत्री सुनील बंसल की हर बात की खबर आरएसएस और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक पंहुचाकर उनके सबसे करीबी बने हुए है. बताया जाता है कि यूपी के बीजेपी मुख्यालय में इन दिनों अध्यक्ष के कार्यालय की बजाय सबसे अधिक भीड़ इनके कार्यालय में दिख रही है. पार्टी के जानकारों की बात मानें तो ऐसा पहली बार हो रहा है जब लोग पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के संगठन मंत्री सुनील बंसल से मिल रहे है. बताया जाता है इससे पहले जब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई थे तो उनके कार्यालय में इस तरह की भीड़ जुटी हुई दिखाई देती थी.
सूत्रों की मानें तो संगठन मंत्री सुनील बंसल ने पार्टी के संगठन पदाधिकारियों के पदों पर अपने मन मुताबिक नियुक्ति कर ली. जबकि अध्यक्ष की उसमें एक भी नहीं चली. और तो और बंसल के कार्यालय में इन दिनों पार्टी से चुनाव का टिकट मांगने वालों की कतार लगी हुई है. बताया जाता है कि बंसल ने कई लोगों से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का टिकट भी दिलाने का वादा किया है. मर्सडीज और बीएमडब्लू जैसी गाड़ियों से चलने वाले इस नेता की चकाचौंध ने यूपी के कई बड़े नेताओं को पैदल कर दिया है. बताया जाता है कि इसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.
सूत्रों के मुताबिक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता रहे सुनील बंसल जब राजस्थान से यूपी में आये थे तब उनका ठौर- ठिकाना नहीं था. अब उनके पास किसी चीज की कमी नहीं है और उनके भाई का व्यापर भी चल निकला है. इतने कम समय में इतनी बड़ी उन्नति के पीछे हो न हो कोई राज जरूर छिपा हुआ बताया जाता है. फिलहाल पार्टी के जानकारों का कहना है की जिस राज्य से देश की राजनीति तय होती है. उस राज्य के नेताओं को पहली बार दूसरे राज्य से कोई आकर राजनीति सिख रहा है, जिसको लेकर पार्टी के कई बड़े लीडर नराज है. लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बेहद करीबी होने के नाते सुनील बंसल के खिलाफ कोई मुंह नहीं खोल पा रहा है.