
8 नवंबर शाम 8 बजे की घोषणा कालेधन वालों के लिए काली रात बन कर आई। पास में पड़े करेंसी का क्या करें, कालाबाजारियों के सामने कालेधन को किसी तरह ठिकाने लगाने की समस्या थी और उस वक्त उनके काम आया वो नुस्खा जो हमेशा काम आया था। पास पड़े पैसे से सोना खरीद लिया जाए। पूरे देश में 8 नवंबर की रात सर्राफा बाजार गुलजार हो गया। रात भर खरीद-फरोख्त का कार्यक्रम चलता रहा और कहा जा रहा है कि उस दिन देश में सोने की खरिदारी के सारे रिकार्ड टूट गए। 9 नंबर की सुबह तक खरीदारी हुई। कहा जा रहा है कि एक रात 4000 किलो सोना बिका जिसकी कुल है 1600 करोड़ रुपये।
लेकिन जिन लोगों ने अपना काला धन सोना खरीदने में खपा दिया और सोचने लगे कि अपने पैसे बचाने में सफल हो गए, ऐसा नहीं है। सरकार ने 8 नवंबर के रात की रिपोर्ट इकठ्ठा कर ली है। किस सोना बेचने वाले बड़े कारोबारी ने कितना और किसको बेचा इसका आंकलन तो चल ही रहा था कि कुछ ऐसी खबरों की भी आहट है जो सोने में अपना कालाधन खपाने वालों की नींद हराम कर देगी। खबर ये है कि सरकार की नजर सोने की खरीद में छुपा दिए गए काले धन के अंबार पर है और सरकार जल्द ऐसे कदम उठाने वाली है, जिससे ऐसे धन को वापस बैंकिंग सिस्टम में लाया जा सके।
सोने के रूप में पार्क कर दिए काले धन को भारतीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाने के आपचारिक फैसले से पहले कई विकल्पों पर विचार चल रहा है, लेकिन सत्ता के गलियारे से छनकर बाहर आई एक खबर। 8 नवंबर की रात को हुई भयंकर खरीदारी की हवा निकाल देगी। तमाम विकल्पों में इस विकल्प पर सरकार का सबसे ज्यादा जोर है कि कोई व्यक्ति अधिकतम कितना सोना अपने पास रख सकता है, इसकी सीमा तय कर दी जाए।
जानकार मानते हैं कि इस प्रवाधान से सोने में खपाया गया कालाधन अपने आप बाहर आ जाएगा, क्योंकि जिन लोगों ने तय सीमा से ज्यादा सोना रख रखा है उन्हें ये आंकड़ा घोषित कर इसपर टैक्स देना पड़ेगा। मुमकिन है कि कई लोगों के पास तय सीमा से ज्यादा धन हो और वो इसे घोषित ही न करें, लेकिन ऐसे लोगों के पास पड़ा सोना गैर-कानूनी कहलाएगा जिसे मौका हाथ लगते ही सरकार सीज कर सकेगी।