नई दिल्ली। लखनऊ के ठाकुरगंज में संदिग्ध आतंकी से मुठभेड़ के दौरान यूपी पुलिस के रुख से होम मिनिस्ट्री बेहद नाराज है। सूत्रों के मुताबिक, जिस तरह से यूपी पुलिस मीडिया को ऑपरेशन के लाइव अपडेट दे रही थी, उस पर उसे कड़ी आपत्ति है। सीनियर अधिकारियों के मुताबिक, सभी राज्यों के डीजी और दूसरे सीनियर अधिकारियों और एक्सपर्ट्स ने 26/11 हमले के बाद ऐसे ऑपरेशन के लिए गाइडलाइंस बनाई थी, लेकिन इस ऑपरेशन में पुलिस अधिकारियों ने उसका पालन नहीं किया। बतादें, मंगलवार को लखनऊ में सैफुल्लाह के साथ एटीएस की मुठभेड़ के दौरान कुछ वरिष्ठ अधिकारियों ने टीवी चैनल्स को त्वरित अपडेट्स दिए थे।
जांच अधिकारी अभी पूरे घटनाक्रम को आईएसआईएस से जुड़ा होने का संकेत तो मान रहे हैं, लेकिन जल्दी में तुरंत दूसरे एंगल को छोड़ना नहीं छोड़ रहे हैं। खुफिया सूत्रों के अनुसार, रेल विस्फोट को जिस तरह अंजाम दिया गया है, वह इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के मॉड्यूल से अधिक मिलता है। हड़बड़ी में इसे आईएसआईएस से बताने से परहेज किया जा रहा है। साथ ही इस आशंका की भी तलाश की जा रही है कि क्या आईएम और आईएसआईएस देश के अंदर साझा रूप से काम करने लगे हैं? इससे पहले पिछले साल बेंगलुरु चर्च में हुए विस्फोट में भी सबसे पहले आईएस से जुड़े आतंकी का नाम सामने आया था, लेकिन बाद में जांच में बात सामने आई कि वह आतंकी सिमी से जुड़े थे। जांच एजेंसी इस बात को पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या सिमी, आईएम और आईएस में कोई तार जुड़े हैं या नहीं।
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से आतंकी लगातार विदेश में सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में थे। सीनियर अधिकारियों के मुताबिक, मध्य प्रदेश में ट्रेन में विस्फोट की लाइव रिकॉर्डिंग और उसे सीरिया में भेजने के मामले सामने आए हैं। जांच अधिकारियों को आशंका है कि विस्फोट के बाद सुबूत के रूप में इसे आईएसआईएस के सरगना के पास भेजा गया था, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
भोपाल में आतंकी घटना के बाद लखनऊ समेत यूपी के कई शहरों में संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद केंद्रीय एजेंसियां भी हाई अलर्ट पर हैं। सभी एयरपोर्ट पर संदिग्ध लोगों की गतिविधि पर नजर रखने को कहा गया है। दो दिनों में एनआईए दोनों मामलों की जांच अपने हाथ में ले लेगी। आईएस का नाम आने के बावजूद सुरक्षा एजेंसी ठीक से कुछ भी कहने से बच रही है।
एनआईए की एक टीम मध्यप्रदेश में ट्रेन में हुए विस्फोट मामले की जांच के लिए बुधवार को भोपाल पहुंची। सूत्रों के अनुसार, टीम भोपाल से 60 किलोमीटर दूर शाजापुर जिले के जबरी रेलवे स्टेशन के निकट हुए विस्फोट स्थल पर जाएगी।
होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह लखनऊ एनकाउंटर और आईएसआईएस से जुड़े घटनाक्रम पर संसद में भी सरकार की ओर से जानकारी देंगे। यही कारण है कि अधिकारी एक-एक सूचना पूरी सतर्कता से दे रहे हैं, ताकि संसद में दिए गए बयान और जांच अधिकारियों की ओर से दिए जा रहे बयानों में कोई अंतर नहीं रहे।