नई दिल्ली। कहते हैं राजनीति में कुछ भी हो सकता है। आज के दुश्मन कल दोस्त हो सकते हैं और दोस्त दुश्मन बन सकते हैं। चुनावी राजनीति के दौरान ये काफी देखने को मिलता है। नेताओं को लेकर नए समीकरण बनाए जाते हैं। यूपी में चुनावी दंगल के दौरान भी ये खेल खेला जा रहा है। अपनी जीत के लिए सभी सियासी दल पूरी कोशिश कर रहे हैं।
वो एक्स फैक्टर की तलाश कर रहे हैं जिसके सहारे एक ही वार से सभी विरोधियों को खामोश करा दिया जाए। बीजेपी अब उस एक्स फैक्टर तक पहुंचती दिख रही है।बीजेपी से निकल कर कांग्रेस में जाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू भले ही अब कांग्रेसी हो गए हैं। लेकिन उनके अंदर से मोदी प्रेम खत्म नहीं हुआ है। वो इसका प्रमाण भी दे चुके हैं। अभी तक सिद्धू ने मोदी के खिलाफ एक बार भी हमला नहीं किया है। जबकि सिद्धू विरोधियों पर तीखा हमला करने के लिए जाने जाते हैं। साफ है कि कहीं न कहीं सिद्धू के अंदर अभी भगवा रंग बाकी है। इस से कांग्रेस काफी परेशान है।
सिद्धू के अलावा एक और नेता हैं जो नरेंद्र मोदी का विरोध खुलकर नहीं करते हैं। ये हैं आप के नेता कुमार विश्वास. हैरानी की बात ये है कि आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल की सियासी रोजी रोटी मोदी को गाली दकर चलती है वहीं कुमार विश्वास मर्यादा में रहकर अपनी बात करते हैं। अब ऐसे में अगर ये कहा जाए कि सिद्धू और कुमार विश्वास मोदी की तारीफ कर रहे हैं तो आप हैरान हो जाएंगे। बात है भी हैरान करने वाली।
दरअसल सिद्धू ने पीएम मोदी के खिलाफ अभी तक कोई हमला नहीं किया है। और कुमार विश्वास भी मोदी के खिलाफ खुलकर नहीं बोलते हैं। बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता इसी बात को भुना रहे हैं। इनका कहना है कि धुर विरोधी होने के बाद भी कांग्रेस और आप के कुछ नेता मोदी की बुराई नहीं करते हैं। क्योंकि उन्हे पता है कि मोदी सही कर रहे हैं। ये बात और है कि सिद्धू और कुमार विश्वास की तरफ से ऐसा कुछ नहीं कहा गया है। लेकिन प्रचार के तरीके सबके अलग अलग होते हैं। सिद्धू और कुमार विश्वास का नाम जमीनी स्तर के कार्यकर्ता ले रहे हैं इस से वो मतदाताओं को ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी का मैजिक सभी पर चल रहा है।