गायत्री तो सिर्फ “एक बानगी”, सेक्स से लेकर मर्डर” तक का लगा था तड़का और हिल गयी थी यूपी की सियासत
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो बलात्कार से जुड़े चार बड़े मामले चर्चा में रहे. समाजवादी पार्टी के गायत्री के अलावा सुलतानपुर के विधायक अरुण वर्मा फंसे, वहीं एक में बसपा के अयोध्या से प्रत्याशी बज्मी सिद्दीकी का नाम आया. इसके अलावा पीस पार्टी के डॉ अयूब पर भी बलात्कार और हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ. वैसे उत्तर प्रदेश में सियासत और अपराध का गठजोड़ पुराना रहा है. इससे पहले कई नेता बलात्कार मामले में जेल जा चुके हैं.
यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति पर एक महिला ने रेप और उसकी बेटी के साथ यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद गायत्री खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई. मामले में गायत्री अभी फरार चल रहे हैं, वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाली अर्जी को खारिज कर दिया है.
सीएम अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले सुलतानपुर से सपा विधायक अरुण वर्मा और उनके साथियों पर 2013 में एक लड़की ने गैंगरेप का आरोप लगाया था लेकिन 2014 में विधायक और दो अन्य लोगों का नाम जांच से निकाल दिए गए. 2016 में लड़की की अर्जी पर कोर्ट ने एक बार फिर से मामले की जांच के आदेश दिए थे. इसी चुनाव के दौरान 13 फरवरी को युवती की हत्या हो गई. मामले में अरुण वर्मा के खिलाफ मुकदमा हो गया है. लेकिन गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई है.
पिछले दिनों पूर्वांचल की राजनीति में मजबूत दखल रखने वाली पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अयूब के खिलाफ लखनऊ में एक युवती के यौन शोषण और हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. युवती के परिजनों का आरोप है कि उन्होंने युवती को पेशे से सर्जन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डॉक्टर बनाने का झांसा दिया. इसी की आड़ में वह चार महीने तक शारीरिक शोषण करता रहा. गंभीर रूप से बीमार इस युवती ने आरोप लगाने के करीब आठ घंटे बाद ही ट्रामा सेंटर में दम तोड़ दिया.
इस बार के चुनाव में अयोध्या से बसपा प्रत्याशी बज्मी सिद्दीकी और उनके साथियों पर एक लड़की ने गैंगरेप का आरोप लगाया है. पीड़िता का आरोप है कि बसपा प्रत्याशी बज्मी सिद्दीकी अपने 7 साथियों के साथ आये और उसके परिजनों के साथ मारपीट की. इसके बाद सभी ने उसके साथ गैंगरेप किया. पुलिस ने इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कर करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
2006 में सपा सरकार के दौरान मेरठ का कविता हत्याकांड प्रकरण खूब सुर्खियों में रहा था. इस कांड ने यूपी के सियासी हलकों में तूफान मचा दिया था क्योंकि उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री किरणपाल, राष्ट्रीय लोकदल के आगरा से विधायक और राज्य मंत्री का दर्जा पाए बाबू लाल और मेरठ से सपा सरकार में सिंचाई मंत्री रहे डॉ मैराजुद्दीन का नाम इस कांड में खुलकर आया था.
साल 2003 में कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड खासा चर्चित हुआ. मामले में विधायक अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को आजीवन कारावास की सजा हुई.
मायावती सरकार के दौरान साल 2011 में बसपा विधायक आनन्द सेन पर एक युवती शशि का अपहरण कर उसकी हत्या का आरोप लगा था. सीबीआई ने मामले की जांच की. निचली अदालत ने विधायक आनन्द सेन को सजा सुनाई, बाद में हाईकोर्ट ने 2013 में उन्हे संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त कर दिया. आनंद सेन पर इससे पहले भी मुकदमे दर्ज हैं.
बसपा के विधायक भगवान शर्मा उर्फ गुड्डू पंडित पर साल 2008 में एक युवती के साथ बलात्कार का आरोप लगा. इसके बाद पंडित की गिरफ्तारी भी हुई. बसपा सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त राम मोहन गर्ग पर अलीगढ़ की रहने वाली एक महिला ने शारीरिक शोषण करने और उसकी रिकॉर्डिंग करने का आरोप लगाया. मामले में राम मोहन गर्ग की गिरफ्तारी हुई.
वर्ष 2010 में नौकरानी के साथ बलात्कार मामले में बसपा के विधायक पुरुषोत्तम द्विवेदी फंसे. मामले की जांच सीबीआई ने की. कई साल जेल में काटने के बाद पुरुषोत्तम द्विवेदी को सजा भी हुई.
साल 2003 में बसपा विधायक हाजी अलीम पर अपोलो सर्कस में नेपाली लड़कियों के साथ रेप का आरोप लगा. मामले में विधायक को पुलिस के आगे सरेंडर करना पड़ा.
2013 में सीतापुर से विधायक महेन्द्र कुमार सिंह उर्फ झीन बाबू गोआ में रंगरलियां मनाते पकड़े गए. इससे पहले 1990 में झीन बाबू के खिलाफ एक दलित महिला से बलात्कार का आरोप लगा.
बसपा के एक और विधायक दद्दू प्रसाद पर 2011 में बांदा में एक महिला ने शारीरिक शोषण का आरोप लगाया.