लखनऊ। राजधानी लखनऊ के एनकाउंटर के बाद यूपी ATS ने फरार चल रहे छह आतंकियों में से दो को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार किये गए इन आतंकियों में से एक का नाम गौस मोहम्मद खान और दूसरे का अजहर है. मास्टरमाइंड गौस मोहम्मद एयरफोर्स में भी काम कर चुका है. आतंकी सैफुल्लाह के एनकाउंटर के वक्त गौस मोहम्मद वहां मौजूद था. उस पर हथियार पहुंचाने और सभी आतंकियों को बरगलाने का आरोप है.
सूत्रों के मुताबिक गौस मोहम्मद खान इस आतंकी मॉड्यूल का मास्टर माइंड है. उसने अपना नाम कारण खत्री रखा है. वह कानपुर के जाजमऊ का रहने वाला है. इस पूरे मॉड्यूल को प्रेरणा देना, लिटरेचर उपलब्ध कराना, आतंकी दिशा में ले जाने में इसका हाथ है. अजहर सभी को हथियार उपलब्ध कराता था. बताया जाता है कि गौस मोहम्मद यूपी में कई बड़े धमाके इन युवाओं को जरिये कराकर यहां दहशत फैलाना चाहता था. जिसके चलते वह युवाओं को धन और जेहाद का वास्ता देकर अपने गुट में शामिल कर रहा था. यही नहीं उसके गुट में इस समय तकरीबन 20 से अधिक युवा फंसे हुए हैं. बताया जाता है कि गौस मोहम्मद कानपुर से अपने इस बड़े नेटवर्क को खड़ा कर कई बड़े धमाके कर यूपी में सनसनी फैलाना चाहता था.
यूपी ATS के मुताबिक दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद अभी भी चार आतंकी फरार हैं. ऐसी आशंका जाहिर की जा रही है कि वो बदला लेने की साजिश रच सकते हैं. उनमें से दो के दिल्ली की तरफ जाने का भी संदेह जताया जा रहा है. संसद सहित महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी गई है. बताया जाता है कि समय से पहले इस बात कि खबर मिल जाने के बाद सैफुल्लाह का एनकाउंटर कर दिया गया. यही नहीं दो और लोगों को भी पकड़ा जा चुका है. लेकिन इस मामले की तहकीकात कर रहे ATS के अफसरों का कहना है कि इन आतंकियों का सरगना तो पकड़ा जा चुका है, लेकिन अन्य फरार चल रहे आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है.
एनकाउंटर से पहले आतंकियों द्वारा सेटेलाइन फोन और फर्जी एक्सचेंज के जरिए फीड भेजने के दौरान नेटवर्क फेल होने की वजह से लोकेशन ट्रेस हो गया. इसकी सूचना एमपी और यूपी पुलिस को मिली. इसके बाद यूपी एटीएस ने लखनऊ, कानपुर और इटावा से कई संदिग्धों को पकड़ा, लेकिन सैफुल्लाह मारा गया.बताया जाता है कि लखनऊ एनकाउंटर में मारा गया सैफुल्ला कानपुर के बेहद साधारण परिवार का था. ऐसे में सवाल ये है कि यदि बगदादी के संगठन का कोई सदस्य भारत में मौजूद नहीं है, तो यहां आईएस के आतंक का जहर फैल कैसे रहा है. नौजवान आखिर क्यों अपना शहर, परिवार और देश छोड़कर नफरत और खून खराबे की मंजिल चुन रहे हैं.
यदि सैफुल्लाह की बात करें तो वो पिता से डांट फटकार के बाद घर छोड़कर निकल पडा था. इसके बाद में आईएस के खुरासान मॉड्यूल के संपर्क में आ गया. यदि भोपाल ट्रेन ब्लास्ट के बाद जानकारी सीरिया भेजी जाती है, तो साफ है आतंक का नेटवर्क सोशल मीडिया के सहारे भारत में अपने पांव पसार रहा है. यहां आतंक की पाठशाला चल रही है.