लखनऊ। बीएसपी और बीजेपी के बीच बाबा साहब भीमराव आंबेडकर पर अपना ‘हक’ जताने की जंग अभी लंबी चलेगी। इसी कड़ी में आंबेडकर जयंती पर बीएसपी 14 अप्रैल को बीएसपी लखनऊ में भीड़ जुटाकर विपक्षी दलों को जवाब देगी। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह जयंती पड़ रही है और बाबा साहब का 125वां जयंती वर्ष भी पूरा हो रहा है। इस मौके पर बीएसपी प्रमुख विरोधी दलों को बताएंगी कि भले ही कोई आंबेडकर को अपना बताए लेकिन बाबा साहब की असल अनुयायी वही हैं। इस रैली के लिए ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने की तैयारी अभी से शुरू हो गई है। जयंती वर्ष पर होने वाले जिलों के कार्यक्रम 14 अप्रैल को न करके आगे-पीछे शिफ्ट किए जा रहे हैं।
यूपी विधान सभा चुनाव से पहले दलितों का वोट हासिल करने के लिए विपक्षी दल आंबेडकर को अपना बताकर कई कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने खुद को आंबेडकर का भक्त बताकर सीधे दलित वोटों पर निशाना साधा है। ऐसे में मायावती दलितों को सचेत कर रही हैं कि उन्हें दूसरे दल बरगला रहे हैं। उनकी असल हितैषी वही हैं। पार्टी ने बड़े स्तर पर जयंती पर आयोजन करने का निर्णय लिया है। मायावती इस मौके पर लखनऊ में ही रहेंगी और जनसभा को संबोधित करेंगी।
इस साल आंबेडकर का 125वां जयंती वर्ष भी मनाया जा रहा है। जिलों में कई कार्यक्रम किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में कहीं 125 किलो की मोमबत्ती जलाई जाएगी तो कहीं 125 किलो का लड्डू बनेगा। आगरा में 18 अप्रैल को जयंती कार्यक्रम होगा।
यूं तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी भी अब आंबेडकर को अपना बता रहे हैं लेकिन बीएसपी के निशाने पर सबसे ज्यादा बीजेपी ही है। पिछले लोकसभा चुनाव में हिंदुत्व के नाम पर बीजेपी ने बीएसपी के वोट बैंक में सेंध लगाई थी। अब मायावती पहले से सतर्क हैं कि कहीं लोकसभा चुनाव वाली कहानी फिर से न दोहराई जा सके। यही वजह है कि उनके निशाने पर आरएसएस और उसका हिंदुत्व भी रहता है।
लखनऊ में इस रैली के साथ ही बीएसपी अपनी चुनावी जन सभाओं की शुरुआत भी करेगी। प्रदेश भर में सभाओं के लिए कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं। मायावती ने इसके निर्देश दे दिए हैं।