नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में किसी मुस्लिम उम्मीदवार को नहीं उतारे जाने पर नरेंद्र मोदी सरकार के दो मंत्रियों ने अपनी ही पार्टी के फैसले पर एक तरह से सवाल खड़े किए हैं. केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि भाजपा ने यूपी चुनाव में किसी मुस्लिम प्रत्याशी को नहीं उतारकर ‘बड़ी भूल’ की. वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अगर मुसलमानों को टिकट दिया होता तो अच्छा होता.
उमा भारती ने एक टीवी चैनल से कहा, मुझे सच में इस बात का दुख है कि हम किसी मुस्लिम प्रत्याशी को चुनाव मैदान में नहीं उतार सके. मैंने इस बारे में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य से बात की थी कि किस प्रकार मुसलमानों को विधानसभा चुनाव में लाया जाए. उमा भारती ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सही कहा था कि हम मुसलमानों को टिकट दे सकते थे.
उमा भारती की टिप्पणी पर हालांकि उनकी ही पार्टी के विनय कटियार ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा, ‘जब मुसलमान हमारे लिए वोट ही नहीं करते तो हम उन्हें टिकट क्यों दें?’
उधर, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने सोमवार को कहा कि यूपी चुनाव में भाजपा ने अगर मुसलमानों को टिकट दिया होता तो अच्छा होता. नकवी ने हालांकि कहा कि भाजपा समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है और राज्य में पार्टी की सरकार बनने पर समुदाय का पूरा ध्यान रखा जाएगा. नकवी ने कहा कि एनडीए सरकार के प्रदर्शन को इस आधार पर नहीं आंका जाना चाहिए कि उसने मुसलमानों को टिकट की पेशकश नहीं की. केंद्रीय मंत्री ने कहा, भाजपा समाज के सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास करती है. हमने केंद्र में सभी के सहयोग से सरकार बनाई. इसी प्रकार से हम राज्य में भी सरकार बनाएंगे.