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ज़मीन क़ब्ज़ा मामले में पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के खिलाफ एफआईआर, यादव बोले गायत्री करते थे ज़मीनों पर कब्जे

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक जगमोहन यादव के खिलाफ राजधानी के गोसाईगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. पूर्व डीजीपी के खिलाफ आवास-विकास की ज़मीन पर क़ब्ज़ा करने का इल्जाम लगाया गया है. मामला अवध विहार योजना पाकेट-2 में 30 करोड़ रुपये की ज़मीन पर अवैध कब्जे का है. पूर्व डीजीपी ने इस सम्बन्ध में तहलका न्यूज़ से बातचीत में खुद को पूरे मामले से अनभिज्ञ बताया.

उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति इस क्षेत्र में ज़मीनों पर क़ब्ज़े का काम करते रहे हैं. आवास-विकास की भी इसमें मदद रहती है. हुकूमत बदली है तो क़ब्ज़ा की गई ज़मीनें खाली कराई जा रही हैं. कल क़ब्ज़ा खाली कराने आवास-विकास की टीम गई थी. मौके पर गायत्री का बेटा भी मौजूद था. एक दलित महिला से मारपीट की गई थी. मैं आज चार दिन बाद गाँव से लौटा तो घटना की जानकारी मिली. मेरा नाम किसी पेशबंदी के तहत लिखवाया गया होगा. इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है. एफआईआर हो गई है. जांच होगी तो सच भी सामने आ जाएगा.

उल्लेखनीय है कि गोसाईगंज के अवध विहार योजना पाकेट-2 में आवास-विकास परिषद ने ज़मीन अधिगृहीत की थी. करीब 30 करोड़ रुपये की तीन एकड़ ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर उसे प्लाट बनाकर बेच दिया गया था. इस ज़मीन पर तेज़ी से निर्माण कार्य चल रहा था. अवैध कब्जेधारियों से ज़मीन को मुक्त कराने के लिए परिषद की टीम पहुँची तो मौके पर मौजूद लोगों ने इस टीम पर हमला बोल दिया. इसमें कई इंजीनियर गंभीर रूप से घायल हो गये. मारपीट शुरू हुई तो मौके पर पहुँची पुलिस भी भाग खड़ी हुई. आवास-विकास के मार खाने वाले इंजीनियरों ने आरोप लगाया कि पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव का इस ज़मीन के साथ नाम जुड़ा है. इसीलिये पुलिस भी कार्रवाई नहीं कर रही है.

आवास विकास ने दावा किया कि वह अधिगृहीत ज़मीन को अवैध क़ब्ज़ा करने वालों से मुक्त कराने के लिए गए थे. कब्जाधारियों और भू माफियाओं ने पथराव किया और मारपीट की. सीओ मोहनलालगंज ने बताया कि केस दर्ज करने का आदेश दे दिया गया है. एसओ गोसाईगंज संजय मिश्र ने कहा कि आवास-विकास टीम के साथ मौके पर पुलिस भेजी गई थी. तब कोई विवाद नहीं हुआ था. यह टीम बाद में अकेले ही मौके पर वीडियो बनाने पहुँच गई तब विवाद हुआ. ज़मीन क़ब्ज़ा मामले में पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव का नाम आने पर उन्होंने कहा कि मैं तो चार दिन बाद आज ही गाँव से लौटा हूँ इसलिए कल हुए विवाद के बारे में कुछ नहीं बता सकता हूँ.

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि वहां किन लोगों के बीच मारपीट हुई और इस विवाद में मेरा नाम कहाँ से आया. उनसे यह पूछने पर कि क्या कुछ पालिटिकल लोग ज़मीन पर कब्जा कर रहे थे जो पुलिस खामोश थी तो उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति उस इलाके में काफी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा किये हुए हैं. कल भी जब एक दलित महिला को पीटा गया तब भी गायत्री का बेटा मौके पर मौजूद था. गायत्री मंत्री थे इसलिए ज़मीनों पर कब्जे में आवास-विकास भी मदद करता था. अब हुकूमत बदली है तो आवास-विकास क़ब्ज़ा छुडाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने कहा कि पुलिस जांच में स्थितियां साफ़ हो जायेंगी.