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हो रही है कांग्रेस बिना ही आधार बिल पास कराने की तैयारी!

Aadhar6नई दिल्ली। केंद्र सरकार अगले सप्ताह लोकसभा में नया आधार बिल पेश करने की तैयारी में है। जनधन-आधार-मोबाइल (JAM) की अपनी योजना के द्वारा सब्सिडी व फायदे सीधे लोगों तक पहुंचाने की अपनी योजना को सरकार यह बिल पास करवाने के बाद कानूनी शक्ल देना चाहती है।
इस बिल को पास करवाने में केंद्र सरकार को प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से कड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा। कांग्रेस इस बिल को विमर्श और सुधार-बदलाव के लिए पहले संसदीय समिति के पास भेजे जाने के पक्ष में हैं। वहीं सरकार इस मांग को बिल में अनावश्यक देरी करने का विपक्षी पैंतरा मान रही है।

आधार बिल 2016 में वित्तीय व अन्य प्रकार की सब्सिडी और सेवाएं-फायदे को सीधे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाने का प्रावधान किया गया है। लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन द्वारा इस बिल पर फैसला लिया जाना है। वह तय करेंगी कि यह बिल मनी बिल की श्रेणी में है या नहीं। सरकार को उम्मीद है कि उनका फैसला पक्ष में ही आएगा।

सरकार ने आधार बिल के उद्देश्यों में कुछ बदलाव किया है। इसके द्वारा लोगों के बैंक खाते में वित्तीय फायदा सीधे तौर पर भेजा जाएगा। ऐसे में यह मनी बिल की श्रेणी में समझे जाने की संभावना है। मनी बिल होने की स्थिति में प्रावधानों के मुताबिक इसे पास होने के लिए राज्यसभा में पास होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोकसभा में जहां बीजेपी बहुमत में है, वहीं राज्यसभा में इसकी तादाद कम है और यहां कांग्रेस की संख्या ज्यादा है। ऐसे में सरकार को यह बिल कांग्रेस के समर्थन के बिना राज्यसभा में पास कराने में दिक्कत होगी। सरकार को उम्मीद है कि स्पीकर इसे मनी बिल की श्रेणी में रखेंगी और लोकसभा में बिल आसानी से पास हो जाएगा।

हालांकि कांग्रेस द्वारा बिल को राज्यसभा में रोकने की संभावना पर विचार करते हुए सरकार ने आधार बिल में कुछ बदलाव भी किए हैं, लेकिन संभावना यही है कि उनका रास्ता आसान नहीं होने वाला है। कांग्रेस इस बिल को मौजूदा रूप में पास होने से रोकने के लिए क्षेत्रीय दलों की भी मदद ले सकती है। अगर स्पीकर ने इसे मनी बिल की श्रेणी में रखा, तो कांग्रेस के विरोध के बावजूद यह बिल आसानी से लोकसभा में पास हो जाएगा।

सरकार को उम्मीद है कि अगर स्पीकर इसे मनी बिल की श्रेणी में रखती हैं, तो इस फैसले को अदालत में चुनौती देना आसान नहीं होगा। निजता और गोपनीय जानकारी समेत आधार से जुड़े कई पक्षों की सुप्रीम कोर्ट समीक्षा कर रहा है। इन जानकारियों को सीमित तौर पर जनधन योजना, मनरेगा, पेंशन, भविष्य निधि व एलपीजी सिलिंडर में ऐच्छिक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किए जाने को लेकर अदालत समीक्षा कर रहा है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक आधार बिल में निजता से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए नागरिकों के बॉयोमैट्रिक डेटा को बाकी पक्षों के लिए इस्तेमाल करने, लेकिन नागरिक की पहचान जाहिर ना होने देने का प्रावधान किया गया है। देशभर में लगभग 92 करोड़ लोगों के पास आधार नंबर है। अभी भी बड़ी संख्या में लोगों के पास आधार नंबर नहीं है। ऐसे में अगर सब्सिडी व अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आधार को अनिवार्य कर दिया जाता है, तो जिनके पास आधार नंबर नहीं है उनके छूट जाने और उन्हें नुकसान होने की आशंका है।

आधार बिल के साथ-साथ सरकार अगले हफ्ते 12 बिल लेकर आने की योजना बना रही है। मालूम हो कि अगले हफ्ते केवल 4 दिन ऐसे हैं जिनमें कामकाज हो सकेगा। इनमें विसलब्लोअर बिल और बाल श्रम बिल भी शामिल हैं। अभी तक दोनों सदनों में चुनाव संशोधन कानून 2016 पास किया जा चुका है। इसके द्वारा हालिया समय में भारतीय नागरिक बने लोगों को भी मतदान का अधिकार दिया गया है। वहीं राज्यसभा में उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय के वेतनमान संबंधी बिल पास हो गया है।