लखनऊ। भारत ने हॉकी जूनियर विश्व कप में बेल्जियम को 2-1 से हराकर विश्व चैंपियन का खिताब अपने नाम कर लिया है। भारत की टीम इस टूर्नमेंट में अजेय रही और उसने अपने सभी 6 मैचों में जीत दर्ज की। 15 साल बाद भारत ने यह खिताब एक बार फिर अपने नाम किया है। इससे पहले 2001 में ऑस्ट्रेलिया के होबर्ट में भारत ने अर्जेंटीना को हराकर इस खिताब पर अपना कब्जा जमाया था।
WORLD CHAMPIONS! A stunning & confident display from the Colts vs Belgium helps them clinch GOLD at the #HJWC2016 on 18 Dec. #INDvBEL pic.twitter.com/mHXqWtm5Yf
— Hockey India (@TheHockeyIndia) December 18, 2016
रविवार के दिन यहां के मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में शानदार हॉकी खेलकर हॉकी वर्ल्ड कप का यह खिताब अपने नाम किया। खेल के पहले ही हाफ में 2 गोल की बढ़त बनाने के बाद भारत की टीम ने पूरे मैच में बेल्जियम पर अपना दबदबा बनाए रखा। दो गोल से पिछड़ने के बाद बेल्जियम की टीम पूरे मैच में इस दबाव से उबर ही नहीं पाई। भारत की ओर से गुरजंत और सिमरनजीत सिंह ने गोल किए। इस मैच में पहला गोल करने वाले गुरजंत सिंह को उनके शानदार खेल के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया।
इस मैच में भारत की टीम ने बेल्जियम के खिलाफ आक्रामक शुरुआत की। पहले ही हाफ में भारत ने बेल्जियम की टीम पर 2 गोल दागकर उसे दबाव में ला दिया। टीम इंडिया की ओर से खेल के 8वें मिनट में पहला गोल गुरजंत सिंह ने किया। इसके बाद 22वें मिनट में सिमरनजीत सिंह ने एक और गोल दागकर भारत की लीड को 2-0 कर दिया। गुरजंत ने पहले गोल के लिए मिले स्कूप पास को बढ़िया से टैकल कर रिवर्स हिट के जरिए भारत की खाते में पहला गोल डाला।
भारत इस मैच में नई ऊर्जा के साथ उतरा था और पूरे जोश के साथ होश में उसने हॉकी खेली। टीम के खेल को देखकर लग रहा था कि वह अपनी विरोधी टीम को कोई मौका देने के मूड में नहीं है और इस खिताब पर वह अपना हक जमाने का पूरा माद्दा रखती है। खेल के ज्यादातर हिस्से में भारत ने ही बॉल पर अपना नियंत्रण बनाए रखा और टीम लगातार बेल्जियम के डी में अटैक करती रही। बेल्जियम की टीम दो गोल खाने के बाद इस दबाव से उबर ही नहीं पाई। पूरे मैच में तीन गोल हो सके, जिसमें से भारत ने दो गोल किए थे और मैच खत्म होने से कुछ मिनट पहले पेनल्टी कॉर्नर के जरिए बेल्जियम ने मैच में एकमात्र गोल किया। यह गोल केवल बेल्जियम की हार का अंतर ही कम कर पाया।