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हैदराबाद को ‘उबलता’ छोड़ CM केसीआर शॉपिंग में व्यस्त

dalit2हैदराबाद। हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर भले ही पूरे देश में बहस,संवेदना और विरोध की लहर हो, लेकिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव किसी और ही जरूरी काम में व्यस्त थे। उन्होंने इस मुद्दे पर एक टिप्पणी तक नहीं की। जिस काम ने उन्हें इतना व्यस्त कर रखा था, वह था शॉपिंग। सीएम राव अपने लिए नए कपड़ों की खरीदारी करने में व्यस्त थे।
मुख्यमंत्री शहर के पुराने विधायक आवास के नजदीक स्थित श्री सांई खादी वस्त्रालय पहुंचे थे। उन्होंने वहां अपने लिए नई पैंट और शर्ट खरीदी। हाथों-हाथ उसी दुकान में उन्होंने इसे सिलने के लिए भी दे दिया।

सीएम दोपहर लगभग 1 बजे दुकान पहुंचे थे और वहां वह एक घंटे तक रुके। दुकान के मालिक सांईबाबा ने कहा कि 1990 के समय से ही केसीआर उनके नियमित ग्राहक रहे हैं। उस समय वह एक विधायक थे। सांईबाबा ने हालांकि यह बताने से इनकार कर दिया कि सीएम केसीआर की इस खरीदारी का बिल कितना था। जब मीडिया को यह पता चला कि रोहित वेमुला की आत्महत्या के बाद तेलंगाना व राजधानी हैदराबाद को उबलता हुआ छोड़कर मुख्यमंत्री खरीदारी में व्यस्त हैं, तो मीडिया उनकी तस्वीर खींचने दुकान के बाहर जुट गई। इसपर मुख्यमंत्री ने अपने कर्मचारियों के द्वारा मीडियाकर्मियों को कहलवाया कि यह पूरी तरह से उनका निजी मसला है और उन्होंने निजता दिए जाने की बात कही। फटॉग्रफर निराश लौट आए।

सीएम तो खैर खरीदारी में व्यस्त थे, लेकिन उनके बेटे और राज्य कैबिनेट में आईटी व पंचायत राज मंत्री के.टी. रामा क्या कर रहे थे? ठीक इसी समय रामा नई ब्राह्मिण्स (नाई समुदाय) द्वारा बुलाई गई एक निजी बैठक में हिस्सा ले रहे थे।

एक तरफ जहां मुख्यमंत्री और उनके बेटे अपनी ‘निजी’ व्यस्तताओं में उलझे थे, तो वहीं राहुल गांधी यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित कर रहे थे। राज्य के गृहमंत्री भी के.टी. रामा के साथ उसी बैठक में मौजूद थे। वह तेलंगाना के रेड्डी कम्यूनिटी असोसिएशन द्वारा जारी एक कैलेंडर का उद्घाटन कर रहे थे। एक ओर जहां पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस गर्म थी, वहीं तेलंगाना सरकार के मंत्रियों ने इसपर अपनी उदासीनता बनाए रखी।

उधर, केसीआर की बेटी व निजामाबाद की विधायक के. कविता ने केंद्रीय मंत्री बंदारु दत्तात्रेय और अखिल भारतीय विधार्थी परिषद की आलोचना की और उनपर विश्वविद्यालय परिसर में तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी इस मसले पर कोई बयान नहीं दिया है। मालूम हो कि मृत दलित छात्र आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले का रहने वाला था।