नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा की कुछ और ही पहचान है। सोशल मीडिया यूजर्स मानते हैं कि शत्रुघ्न सिन्हा बीजेपी के ऐसे एमपी हैं जो जिस थाली में खाते हैं उसी को छलनी बनाने पर तुले रहते हैं। दरअसल, शत्रुघ्न सिन्हा हमेशा अपनी ही पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ खड़े नजर आते हैं। जब कभी वो ऐसा नहीं करते हैं तो विरोधियों के पाले में जाकर खड़े हो जाते हैं। वो कभी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए तारीफों के पुल बांधते हैं तो कभी आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की हौंसलाफजाई करते नजर आते हैं। एक बार फिर शत्रुघ्न सिन्हा की ट्विटर पोस्ट को लेकर बीजेपी के भीतर बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल, दिल्ली में आम आदमी पार्टी के बीस विधायकों की सदस्यता के मामले में शत्रुघ्न सिन्हा अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
जबकि इस मामले में भारतीय जनता पार्टी का स्टैंड कुछ और ही है। बीजेपी इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग कर रही है। वहीं शत्रुघ्न सिन्हा उन्हें सत्यमेव जयते का ज्ञान दे रहे हैं। दरअसल, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार के बीस विधायकों को आफिस आफ प्रॉफिट के मामले में अयोग्य ठहरा दिया गया है। इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से की थी। रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने चुनाव आयोग की सिफारिश को मान लिया। राष्ट्रपति के इस फैसले के बाद केजरीवाल की सरकार पर संकट गहरा गया है। लेकिन, इस बीच बीजेपी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की हौसलाफजाई में जुट गए हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने आफिसियल ट्विटर अकाउंट पर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के फेवर में एक पोस्ट लिखी।
शत्रुघ्न सिन्हा ने लिखा कि ‘AAP’ आए, ‘AAP’ छाए, ‘AAP’ ही ‘आप’ चर्चा के विषय। घर घर में, हर खबर में तो फिर किस बात की फिक्र ‘AAP’ को? इसके बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि ‘मैं उम्मीद और कामना करता हूं कि आप को जल्दी ही न्याय मिलेगा। ‘AAP’ टीम और खासकर ‘आप’ को बहुत-बहुत बधाई, ध्यान रखें हितों की राजनीति ज्यादा दिन तक नहीं चलती। चिंता मत करें। खुश रहें, सत्यमेव जयते, जय हिंद’। यानी कहीं ना कहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के बहाने अपनी ही पार्टी को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की। हालांकि उनकी इस पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स उनकी खूब बघिया भी उधेड़ रहे हैं। सौरभ चौधरी नाम के यूजर्स ने शत्रुघ्न सिन्हा को जवाब दिया और लिखा कि “कभी फुरसत मिले तो सोचियेगा ज़रूर कि कभी अटल जी के साथ काम करने के बाद अब केजरीवाल और लालू की वकालत करने तक का सफर कैसा रहा? सत्यमेव जयते जय हिंद”
जबकि संदीप नाम के यूजर्स ने लिखा है कि ‘अब तेरी औकात केजरीवाल की चमचागिरी तक आ पहुंची है, इसके बाद तो JNU के कन्हैया कुमार और खालिद ही रह गए हैं’। कई यूजर्स ने तो शत्रुघ्न सिन्हा के लिए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है जिसका जिक्र भी यहां पर नहीं किया जा सकता है। दरअसल, लंबे समय से शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। खासतौर पर वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की आलोचना का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। इस तरह की बातें कर के वो खुद को महान बुद्धजीवी समझते हैं। बीजेपी अगर किसी प्रदेश में हार जाती है तो जीती हुई विरोधी पार्टी की तारीफ करना शुरु कर देते हैं। लेकिन, अपनी ही पार्टी की जीत पर चुप्पी साध लेते हैं। हालांकि ये कह पाना अभी मुश्किल है कि शत्रुघ्न सिन्हा के ये बागी तेवर अभी बीजेपी वालों को कितने और दिन देखने पड़ेंगे।